टीएनपी (TNP DESK):-पिछले दो दशक से ज्यादा वक्त से दहशत का पर्याय बना नक्सली दिनेश गोप खूंखार और खतरनाक था. वह बड़ी मश्शकत से नेपाल से पकड़ाया और सलाखों के पीछे गया. पुलिस और जांच एजेंसियों के पसीने उसे पकड़ने में छूट गये. खौफ का खेल खेलने वाला दिनेश गोप ऐसा ही पीएलएफआई का साम्राजय खड़ा नहीं कर दिया था, बल्कि इसके पीछे उसका शातिर दिमाग हर वक्त खुराफात करता था . इसी का नतीजा रहा कि दो दशक तक वह बचता-छुपता रहा और नाक में दम पुलिस को करता रहा. उसके जुर्म की फेहरिश्त काफी लंबी थी, इसका आकलन उसपर दर्ज 150 मुकदमे से कर सकते हैं. आईए कुछ इनसाइड बाते दिनेश गोप के बारे में जानते हैं
1.PLFI की बांटता था फ्रेंचाइजी
पीएलएफआई अपने आप में एक अलग संगठन था. दिनेश गोप इसका सरदार तो था ही, लेकिन इसके साथ ही उसके दिमाग में संगठन को विस्तार देने की सोच भी पनप चुकी थी. लिहाजा, अपनी ताकत भी बढ़ाने और अकूत दौलत बनाने के लिए उसने खौफ का मॉडल तैयार किया . उसने फ्रेंचाइजी मॉडल के तहत पीएलएआई का विस्तार अन्य राज्यों में करने लगा. इसके बदले वह पैसा लेता और अपने संगठन का नाम देता . हालांकि, उसकी सोच जमीन पर उतनी कारगर साबित नहीं हो सकी.
2.सरेंडर के लिए लाइजनिंग कर रहा था
दिनेश गोप नेपाल में पकड़ा गया. लेकिन, वह सरेंडर करने की तैयारी में था. इसके लिए दिल्ली में नेताओं से लाइजनिंग कर रहा था. उसकी योजना था कि सरेंडर कर वह राजनीति में उतरे. हालांकि,उसका काम नहीं बना, एक बड़े नेता से मिलवाने के नाम पर दो करोड़ रुपये की ठगी भी कर ली. उस व्यक्ति ने दिल्ली ले जाकर उस बड़े नेता से मिलवाने का भरोसा दिलाया था.
3.गद्दारी की सजा मौत थी
दिनेश गोप को अपने संगठन में ईमानदार और समर्पित लोगों की कद्र करता था. अगर उसे शक और सबूत गद्दारी के मिल जाते थे. तो फिर वह उसे सजा देने में तनीक भी नहीं हिचकता था. उसने अपने एक हार्डकोर साथी मच्छर को इसलिए मरवा दिया, क्योंकि उसने संगठन के साथ गद्दारी की थी और पुलिस से मिल गया था।
4.एनकाउंटर से बचने के लिए भागा नेपाल
दिनेश गोप झारखंड में ही रहकर अपने संगठन को चला रहा था. लेकिन, वह एनकाउंटर से बचने के लिए नेपाल भाग गया. वही सिख बनकर वह ढाबा चला रहा था .दरअसल, पश्चिमी सिंहभूम जिले के गुदड़ी थाना क्षेत्र में पुलिस के साथ एनकाउंटर से बचने के बाद, वह नेपाल भाग गया था। वहां से गिरोह को फिर से संगठित करने की कोशिश में जुटा था। नेपाल में रहने के दौरान भी दिनेश गोप झारखंड के कई लोगों से संपर्क में था। एक व्यक्ति ने नेपाल जाकर दिनेश गोप से मुलाकात भी की थी।
5.दिनेश गोप की दो वाइफ थी
दिनेश गोप ने दो शादी की थी,एक बीबी का नाम हीरा देवी और दूसरी का नाम शकुंतला देवी है.उसकी दोनों पत्नी उसके कारोबार में मदद करती थी. उसके नाम से वसूली औऱ धमकियां भी देती थी. इतना ही नहीं, वह पत्नियों और रिश्तेदारों की मदद से अपनी काली कमाई शेल कंपनियों की मदद से निवेश करता था. पुलिस ने 2020 में उसकी दोनों बीबियों को अरेस्ट किया था. उन लेवी वसूली के साथ टेरर फंडिंग के आरोप भी साबित हो चुके हैं.