रांची-भले ही आज कांग्रेस झारखंड में सत्ता की हिस्सेदार हो, हेमंत सरकार में उसकी भागीदारी हो, लेकिन कांग्रेस की जमीनी हालत बहुत अच्छी नहीं मानी जाती. टूकड़ों में विभाजित कांग्रेस का हर गुट दूसरे गुट की टांग खिंचाई में व्यस्त है.
अपने ही विधायकों के खिलाफ दर्ज करवायी गयी प्राथमिकी
कोलकता कैश कांड कांग्रेस की इसी गुटबाजी का नतीजा था, जब अपने ही विधायकों के विरुद्ध प्रदेश स्तर पर सत्तारुढ़ पदाधिकारियों के द्वारा प्राथमिकी दर्ज करवायी गयी थी.
रामगढ़ उपचुनाव की हार
रामगढ़ उपचुनाव के समय भी कांग्रेस टूकडों मे विभाजित रही. प्रदेश स्तर के नेताओं के द्वारा कई जमीनी कार्यकर्ताओं को मैदान में नहीं उतारा गया, उनकी सोच थी रामगढ़ उपचुनाव में जीत के साथ ही उनका चेहरा चमक उठेगा, उनका राजनीतिक कद सातवें आसमान पर होगा, उसका चेहरा आलाकमान की नजरों में होगा.
प्रदेश स्तर पर गुटबाजी
यही कारण है कि प्रदेश स्तर पर प्रभावी, लेकिन जनाधारविहीन नेताओं नेताओं के द्वारा सामाजिक पकड़ रखने वाले कार्यकर्ताओं को चुनाव प्रचार से दूर रखा गया. लेकिन अन्तोगतवा इस आंतरिक फूट की वजह से कांग्रेस के हिस्से में सिर्फ हार मिली और सहानुभूति वोट के बावजूद पूर्व विधायक ममता के पति बंजरगी महतो को पराजय का सामना करना पड़ा.
अपने पदाधिकारियों से ज्यादा सीएम हेमंत को तब्बजों
दावा किया जाता है कि झारखंड में कांग्रेसी अपने पदाधिकारियों से ज्यादा तब्बजों सीएम हेमंत को देते हैं. प्रदेश स्तर के नेताओं में भी अपने को सीएम हेमंत के नजदीक दिखलाने की होड़ लगी रहती है.
कांग्रेस को एक साथ बनाये रखना सीएम हेमंत के लिए भी सर दर्द
टूकड़ों में विभाजित इस कांग्रेस को एक साथ बनाये रख पाना, ना सिर्फ कांग्रेस की मुसीबत थी, बल्कि यह सीएम हेमंत सोरेन के लिए भी सरदर्द था. लेकिन राहुल गांधी प्रकरण के सामने आते ही सब कुछ बदला नजर आने लगा है. राहुल गांधी की सदस्यता को मुद्दा बना कर कांग्रेसी कार्यकर्ता बड़े ही आक्रमक तरीके सड़कों पर उतर रहे हैं. लोगों से उनका सम्पर्क जुड़ रहा है. बड़ी बात यह है कि राहुल गांधी के मुद्दे पर हर गुट एक साथ खड़ा है.
राहुल प्रकरण से मिली संजीवनी
जानकारों का दावा है कि यदि राहुल प्रकरण सामने नहीं आता तो झारखंड में कांग्रेस अभी भी टूकड़ों में विभाजित रहती, हर गुट दूसरे की टांग खिंचाई में व्यस्त रहता, लेकिन राहुल प्रकरण ने इन कांग्रेसियों को एक मुद्दा थमा दिया, अब वह सड़कों पर उतर रहे हैं, विरोध प्रर्दशन कर रहे हैं, जिले से लेकर प्रदेश स्तर पर सत्याग्रह का आयोजन किया जा रहा है.
जय भारत सत्याग्रह की शुरुआत
अब इसी क्रम में कांग्रेस की ओर से अप्रैल से जय भारत सत्याग्रह की शुरुआत करने जा रही है. प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय ने पार्टी पदाधिकारियों को इस दिशा में कार्यक्रम करने का निर्देश दिया है.