Ranchi- लम्बे अर्से से हेमंत सरकार से नाराज चल रहे मुस्लिम सामाजिक संगठन आमया के एस. अली के नेतृत्व में आज सैकड़ों की संख्या में अल्पसंख्यक युवाओं ने आजसू का दामन थाम लिया. इस अवसर पर हेमंत सरकार पर अल्पसंख्यकों के साथ वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए एस.अली ने कहा कि हेमंत सरकार का चौथा साल निकलने वाला है, लेकिन अब तक वक्फ बोर्ड, उर्दू एकेडमी, अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम का गठन नहीं हुआ, अल्पसंख्यक विद्यालयों के लिए नियमों का निर्माण लटका रहा, और तो और 10 जून को रांची गोलीकांड में जान देने वाले मॉबलिंचिंग पीड़ितों को भी न्याय नहीं मिला, उनके लिए मुआवजे तक की घोषणा भी नहीं की गयी.
झामुमो का अल्पसंख्यकों के साथ वादाखिलाफी का लम्बा इतिहास
हेमंत सरकार पर हमलावर एस. अली ने तंज कसते हुए कहा कि यह स्थिति तब है जब अल्पसंख्यकों को झामुमो का कोर वोटर माना जाता है, झामुमो का सियासी सफर को अल्पसंख्यक समुदाय अपने सिर पर लेकर घुमता रहता है, झामुमो की हार-जीत का दामोदार इन्ही अल्पसंख्यकों के मत पर निर्भर करता है, लेकिन सत्ता मिलती ही झामुमो ने अल्पसंख्यकों को किनारा कर दिया, आज भी झारखंड में अल्पसंख्यक राजनीतिक वियावान के शिकार के हैं. हर बार उनकी वोट की फसल सिर्फ भाजपा का भय दिखला कर काटा जाता है, भाजपा आया आया का भूत दिखलाकर अल्पसंख्यकों को झामुमो और कांग्रेस के पाले में आने के लिए मजबूर किया जाता है. लेकिन हकीकत यह है कि आज पूरे देश में पीएम मोदी का सबका साथ सबका विकास का जलबा चल रहा है, केन्द्र की नीतियों का लाभ आम लोगों की तरह अल्पसंख्यकों तक भी पहुंच रहा है.
आजसू के पक्ष में तूफानी बैंटिंग करते हुए एस. अली ने दावा किया कि झारखंड में आने वाला दिन सुदेश महतो का है, और सुदेश महतो ही झारखंड को विकास के पथ पर अग्रसर करने का माद्दा रखते हैं, यह संघर्ष से निकली पार्टी है, दलित हो या अल्पसंख्यक या फिर पिछड़ा यहां सबों का सम्मान और भागीदारी है.