पलामू (PALAMU) : हुसैनाबाद के किसान प्रियरंजन सिंह ने मेदिनीनगर आगमन पर कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की की मांग पर यह पत्र सौंपा है. मंत्री को दिए गए पत्र में उन्होंने कहा है कि हुसैनाबाद क्षेत्र के किसान पिपरमिंट, पामारोजा, तुलसी, लेमनग्रास, शुगर फ्री ब्लैक राइस, रेड राइस, मैजिक राइस, शुगर फ्री राइस, काला गेहूं, नीला गेहूं, शुगर फ्री आलू, काला आलू, मछली पालन, चिया सीड, बीज उत्पादन, गौ पालन, वर्मी कंपोस्ट यूनिट तथा जैविक खेती एवं प्रशिक्षण का बड़े पैमाने पर उत्पादन कर रहे हैं.
आधुनिक खेती से किसानों द्वारा उगाई गई फसलें कम समय और कम लागत में अधिक मुनाफा देती हैं. कृषि को उद्योग के रूप में विकसित करने तथा किसानों के रोजगार सृजन को ध्यान में रखते हुए सरकारी राइस मिल, चीनी मिल, इथेनॉल प्लांट लगाने तथा कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना की अत्यंत आवश्यकता बताई है. कहा है कि हुसैनाबाद क्षेत्र में सभी व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए कच्चा माल प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है. लेकिन ऐसे उद्योगों की कमी है, जिन्हें कच्चे माल से तैयार किया जा सके. इस क्षेत्र के किसान काला चावल, काला नमक और किरन चावल की खेती कर रहे हैं. इसे चावल मिलों में प्रोसेस कर अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचा जा सकता है. इस क्षेत्र में चावल मिल नहीं होने के कारण बिहार के व्यापारी काफी कम दामों पर चावल खरीदते हैं. यहां चावल मिल होने से किसानों को उनके चावल का उचित मूल्य मिल सकता है. साथ ही हजारों किसानों और युवाओं को रोजगार भी मिल सकता है.
मांग पत्र में कहा गया है कि पलामू जिले के हुसैनाबाद, हरिहरगंज और पिपरा प्रखंड में हजारों एकड़ भूमि में गन्ने की खेती होती है, अगर इस क्षेत्र में चीनी मिल लगा दी जाए तो किसानों को नकदी फसल के रूप में अच्छा मुनाफा मिल सकता है. इस क्षेत्र में चीनी मिल की नितांत आवश्यकता है. साथ ही गन्ने की खेती के लिए सरकारी अनुदान की भी आवश्यकता है. चावल और गन्ने से निकलने वाले अवशेष से इथेनॉल का उत्पादन किया जा सकता है. जिससे इस क्षेत्र के हजारों युवाओं को रोजगार मिल सकता है. किसानों ने अनुरोध किया है कि किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए कृषि को उद्योग के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से हुसैनाबाद में सरकारी चावल मिल, चीनी मिल, इथेनॉल प्लांट और कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना आवश्यक है.