नई दिल्ली (NEW DELHI): दिल्ली विधानसभा का रिजल्ट सबके सामने है. भारतीय जनता पार्टी का 27 साल का वनवास खत्म हुआ है. कड़ी मेहनत और पूरी रणनीति के साथ भाजपा ने इस चुनाव को लड़ा और अपेक्षित सफलता पाई. आम आदमी पार्टी की सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया. यहां तक कि आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल को भी हार का सामना करना पड़ा. पार्टी के प्रमुख चेहरों में से सिर्फ निवर्तमान मुख्यमंत्री आतिशी ही अपनी सीट बचा पाईं. नहीं तो सभी सुरमा मैदान से पटखनी खा बैठे. अब भारतीय जनता पार्टी के अंदर "कौन होगा मुख्यमंत्री" को लेकर मंथन शुरू हो गया है. मोटे तौर पर पांच नाम की चर्चा हो रही है.
मुख्यमंत्री पद के लिए कौन-कौन से चेहरे आ रहे सामने
भारतीय जनता पार्टी ने 27 वर्ष बाद दिल्ली में सत्ता हासिल की है. कुछ महीनों के लिए अंतिम समय में सुषमा स्वराज दिल्ली की मुख्यमंत्री थीं. उसके बाद से शीला दीक्षित की लंबी पारी यहां रही. इस बार विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने बहुत अच्छी रणनीति अपनाई. दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार को भ्रष्ट साबित करने का चौतरफा प्रयास शुरू हुआ. अरविंद केजरीवाल का शीश महल बड़ा मुद्दा बन गया लोगों को लगा कि अरविंद केजरीवाल जो कट्टर ईमानदार अपने को बताते थे, वे सवालों की घेरे में आ गए.
मुफ्त की रेवड़ियां सरकार को खस्ताहाल बना दी. इसके अलावा दिल्ली में आधारभूत संरचना का विकास इन लोगों के कहे अनुसार नहीं हो पाया. यमुना नदी और प्रदूषित हो गई पूर्वांचल के लोगों का गुस्सा अरविंद केजरीवाल सरकार पर पिछले तीन-चार साल से दिख रहा था. दिल्ली के लोगों को यह समझ में आ गया कि अरविंद केजरीवाल अपने मूल सिद्धांत से भटक गए हैं और आम आदमी पार्टी का चरित्र उत्तरोत्तर गिरता चला गया है. शराब नीति घोटाला मामले में भी अरविंद केजरीवाल समेत सरकार के प्रमुख लोग पर आप लोगों को सच लगने लगा.
इधर भाजपा ने अपने संगठन की ताकत को और मजबूत किया और अरविंद केजरीवाल यानी आम आदमी पार्टी की सरकार के खिलाफ जन भावना को उद्वेलित करने में सफलता पाई. उसी का परिणाम है कि 70 में से 48 सीट जीतकर भाजपा आज लगभग 70% सीटों पर कब्जा जमा ली.
चलिए अब बात करते हैं कि दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के लिए कौन-कौन से नाम फिलहाल चर्चा में हैं. मालवीय नगर से विधायक चुने गए सचिन उपाध्याय दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष रह चुके हैं नगर निगम में भी उन्होंने काम किया है उनके नाम की भी चर्चा है. वैसे प्रवेश वर्मा का नाम भी सुर्खियों में है दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहब सिंह वर्मा के वह पुत्र हैं इस चुनाव में यानी नई दिल्ली विधानसभा सीट से उन्होंने अरविंद केजरीवाल को हराया है. प्रवेश वर्मा पुराने नेता रहे हैं.
विजेंद्र गुप्ता जी के नाम की भी चर्चा है वह नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं पार्टी का वैश्य चेहरा माना जाता है. शालीमार बाग से चुनाव जीतने वाली भाजपा नेत्री रेखा गुप्ता के नाम की भी चर्चा है वह महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं. जनकपुरी से जीतने वाले आशीष सूद के नाम की भी चर्चा है.वे एक पंजाबी चेहरा हैं और दिल्ली में पंजाबी मतदाताओं की बड़ी संख्या है. पूर्वांचल के लोगों का भी ध्यान पार्टी जरूर रखेगी.
भाजपा में आश्चर्यजनक निर्णय भी संभव
भारतीय जनता पार्टी में मोदी और अमित शाह की जोड़ी कुछ भी कर सकती है. इनकी जोड़ी अप्रत्याशित निर्णय लेने के लिए जानी जाती है. राजस्थान, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में इसके उदाहरण मिल चुके हैं. जो नाम सबसे आगे था वे कट गए और नए चेहरे सामने आ गए तो दिल्ली में ऐसे अप्रत्याशित निर्णय भी हो सकते हैं. लेकिन भाजपा का नेतृत्व मुख्यमंत्री के चेहरे को तय करने में कुछ समीकरण को साधने का प्रयास करेगा. मोटे तौर पर 15-16 फरवरी तक भाजपा का मुख्यमंत्री तय हो जाएगा.