दिल्ली(DELHI): शराब नीति घोटाले में आप के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को देर रात ED ने गिरफ्तार कर लिया.शाम सात बजे केजरीवाल के आवास पर ED की टीम पहुंची और रात 9 बजे उनकी गिरफ्तारी हो गई.लेकिन सवाल सभी के मन मे उठ रहा है कि आखिर शराब नीति घोटाला क्या है,कैसे केजरीवाल तक इसकी जांच पहुंची.दरअसल शराब नीति 2021 में केजरीवाल सरकार लेकर आई थी.जिसमें दावा किया गया था कि सरकार को पहले से अधिक फायदा होगा.लेकिन हुआ कुछ उल्टा,फायदा तो एक भी रुपया नहीं हुआ.बल्कि सरकार घाटा होने लगा.इसके बाद ईडी को शक हुआ कि कुछ तो गड़बड़ है.इसके बाद जांच शुरू किया और इस मामले में कड़ी दर कड़ी जुड़ती गई. गिरफ्तारी होती गई चाहे मनीष सिसोदिया की बात करें या फिर अन्य शराब कारोबारी की.कड़ी जुड़ते जुड़े CM तक पहुंच गई.आखिर में केजरीवाल को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया.
इस शराब घोटाले में कई किरदार है.इस कारोबार से जुड़े दिनेश अरोड़ा को जब ED ने गिरफ्तार किया तो पूछताछ के दौरान कई कई लोगों के नाम सामने आए.इस पूछताछ के बाद कई बिंदुओं पर ईडी ने जांच शुरू किया.आखिर दिनेश अरोड़ा की बात में कितना दम है.जांच में दिनेश अरोड़ा ने ईडी को बताया कि शराब कारोबारी पी सरथ चंद्र रेड्डी से से केजरीवाल की मुलाकात हुई थी.जिसमें दावा किया गया कि केजरीवाल सरकार से कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिए एक डील हुई.यह मुलाकात CM आवास में हुई थी.इस दौरान केजरीवाल ने रेड्डी का स्वागत बड़े ही उम्दा तरीके से किया था.आरोप लगा कि शराब के टेंडर के लिए 100 करोड़ रुपये की रिश्वत केजरीवाल ने ली है. जिसके बाद साक्ष्य और अन्य दस्तवेजो के आधार पर ED केजरीवाल तक पहुंच गई.
इस जांच के दौरान ही दिनेश अरोड़ा और रेड्डी सरकारी गवाह बन गए.कई जानकारियां और दस्तवेज ईडी को दिया.जिसमें दावा किया गया है कि बड़ी ही सोची समझी रणनीति के तहत नई शराब नीति 2021 22 बनाया गया.कैसे कारोबारियों को ज्यादा से ज्यादा फायदा पहुंचे इसका पूरा ध्यान रखा गया.इस नीति में सरकारी फायदे को नज़र अंदाज़ कर पास कर दिया गया.शायद यही कारण रहा कि दिल्ली सरकार के राजस्व में कमी आने लगी.करोड़ो का नुकसान दो सालों में हुआ.
समझिए कैसे हुआ घोटाला
बताया जाता है कि नई नीति से पहले तहत जिस 750ml शराब की बोतल 530 में मिलती थी.इसपर रिटेल कारोबारी को 33 .35 रुपये का मुनाफा होता था,223.89 उत्पाद कर और 106 रुपये के रूप में सरकार को जाता था.पुरानी नीति के 300 से अधिक सरकार के खाते में जाता था.लेकिन नई नीति में 530 के शराब बोतल का दाम बढ़ा कर 560 कर दिया.कारोबारी को होने वाला 33.35 फायदा बढ़ कर सीधे 3563 रुपये होगया. सरकार को मिलने वाला 329 रुपया घट कर 3.78 पैसा रह गया जिसमें 1.88रुपया उत्पाद शुल्क और 1.90 रुपये वैट के रुप में शामिल है.
इस मामले को की जांच शुरू ईडी ने किया तो पहला नाम मनीष सिसोदिया का आया.सिसोदिया को ED ने समन भेज कर पूछताछ किया.पूछताछ के दौरान से सवाल ईडी के थे उसका जवाब उनके पास नहीं मिला.जिसके बाद ईडी ने गिरफ्तार कर लिया.सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद जांच को आगे बढ़ाया तो कड़ी फिर मुख्यमंत्री केजरीवाल तक पहुंची.जिसके बाद 22 नवम्बर को पहला समन भेज कर पूछताछ के लिए बुलाया.
लेकिन एक के बाद एक 9 समन केजरीवाल को भेजा वह हाजिर नहीं हुए.इस बीच आखिर में 22 मार्च को ईडी की टीम केजरीवाल के आवास पहुंची.उसके बाद कुछ सवाल जवाब किया और आखिर में गिरफ्तार कर साथ लेगई.अगर बात राजनीति की करें तो आम आदमी पार्टी की ओर से कई महीने पहले ही अंदेशा जताया गया था कि केजरीवाल की गिरफ्तारी हो सकती है.खुद मुख्यमंत्री ने कहा था कि ED उन्हें गिरफ्तार कर सकती है.आखिर में जो अंदेशा पार्टी के नेताओं और मुख्यमंत्री को था वही हुआ.
अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने के बाद ED के अधिकारी उन्हें प्रवर्तन निदेशालय के मुख्य कार्यालय में लेकर चले गए.जिसके बाद कानूनी प्रक्रिया के तहत मेडिकल जांच कराया गया.लेकिन एक सवाल सभी के मन में उठ रहा है कि क्या केजरीवाल इस्तीफा देंगे.तो फिलहाल वैसे नहीं होता दिख रहा है.केजरीवाल जेल से ही दिल्ली की सरकार चला सकते है.संविधान में भी कही कोई ऐसा नहीं है कि जेल से सरकार नहीं चलाई जासकती है.