टीएनपी डेस्क(TNP DESK): आबकारी नीति मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को केंद्रीय जांच ब्यूरो की पांच दिन की हिरासत में भेज दिया गया है. सुनवाई के दौरान सीबीआई ने सिसोदिया के लिए पांच दिन का समय मांगा, जिसमें दावा किया गया कि साजिश बहुत ही सुनियोजित और गुप्त तरीके से रची गई थी, जिसके बाद कोर्ट ने सिसोदिया को पांच दिनों की सीबीआई रिमांड पर भेजा है. सिसोदिया के वकील ने रिमांड अर्जी का विरोध करते हुए तर्क दिया कि अगर कोई कुछ कहने को तैयार नहीं है, तो यह गिरफ्तारी का आधार नहीं हो सकता है.
सिसोदिया ने अपने वकील के जरिए कोर्ट को बताया कि मुझे उस फोन के साथ क्या करना चाहिए, जिसे मैंने बदल दिया? मैं एक मंत्री हूं, मैं इसे सेकेंड हैंड दुकान पर नहीं भेज सकता, इसमें महत्वपूर्ण डेटा होगा. सीबीआई ने मुझे सामग्री के साथ सामना किया लेकिन मैंने कबूल नहीं किया.
आम आदमी के कार्यकर्ता सड़कों पर
सीबीआई की पूछताछ से पहले दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रोड शो किया. सिसोदिया को केंद्रीय एजेंसी द्वारा आठ घंटे तक ग्रिल किए जाने के बाद आबकारी नीति 2021-22 में कथित अनियमितताओं के संबंध में सीबीआई ने कल गिरफ्तार किया था. कल सिसोदिया के सीबीआई कार्यालय में पूछताछ के लिए पहुंचने के बाद से आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता सड़कों पर हैं, जिस राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई चल रही थी, उसके बाहर सुरक्षा के भारी इंतजाम किए गए हैं.
सीबीआई ने सिसोदिया की गिरफ्तारी पर एक बयान जारी किया था, जिसमें दावा किया गया था कि वह टालमटोल कर रहे थे और चल रही जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे.
“सिसोदिया का जवाब रिमांड का आधार नहीं हो सकता”
सिसोदिया के वकील दयान कृष्णन ने तर्क दिया कि रिमांड आवेदन में कहा गया है कि सिसोदिया ने गोलमोल जवाब दिया. यह रिमांड का आधार नहीं हो सकता. उन्होंने 19 अगस्त 2022 को सिसोदिया के आवास की तलाशी ली. उन्होंने अपना फोन सौंप दिया. उन्होंने डिप्टी सीएम को जांच में शामिल होने के लिए बुलाया और वे शामिल हुए. वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल ने सीबीआई का सहयोग किया है.