टीएनपी डेस्क (TNP DESK): यह जरूर है कि 14 साल बीत गए लेकिन दर्द अभी भी महसूस होता है, क्योंकि जख्म अभी भरा नहीं है. जी हां, 26/ 11 का आतंकी हमला मुंबई ही को नहीं बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. भारत के साथ-साथ विदेश में भी इस आतंकी हमले की गूंज सुनाई दी थी और चिंता व्यक्त की गई थी. यह पाकिस्तान की ही साजिश थी जिसने देश के सबसे बड़े रौनक वाले महानगर को आतंक के साए में ढकेल दिया था.
आतंकियों ने इन सभी जगहों पर हमला किया था
इस आतंकी हमले में 166 लोग मारे गए थे. जिनमें 18 पुलिसकर्मी भी शामिल थे. समंदर के किनारे बसे सपनों की दुनिया वाले शहर पर आतंकवादी समुद्री मार्ग से पहुंचे थे. आतंकवादियों ने प्रसिद्ध ताज होटल समेत कई प्रमुख स्थानों पर अंधाधुंध फायरिंग की दर्जनों लोग इस घटना में घायल भी हुए थे. यह हमला 4 दिनों तक चला. आतंकवादियों ने ताज होटल, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, लियोपोल्ड कैफे, द ट्राइडेंट होटल, कामा अस्पताल, नरीमन हाउस सैंट जेवियर कॉलेज और मेट्रो सिनेमा के पास हमला किया.
यह घटना 26 नवंबर 2008 की है
जैसा कि सभी जानते हैं कि लश्कर के आतंकवादियों ने ताज होटल और ओबराय होटल में आए लोगों को बंधक भी बना लिया था. इस घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया. इस पूरी घटना में एकमात्र बचे आतंकवादी अजमल कसाब पर मुकदमा चला और उसे 2018 में फांसी पर चढ़ा दिया गया. बाकी के 9 आतंकवादी मारे गए थे. यह घटना 26 नवंबर 2008 में हुई थी.
इस घटना की संयुक्त राष्ट्र ने भी कड़ी निंदा की थी
ब्रिटेन में रहने वाले भारतीयों ने पाकिस्तान उच्चायोग के समक्ष इस घटना को लेकर विरोध प्रदर्शन करने का कार्यक्रम बनाया है. मुंबई हमले की घटना के बाद से पाकिस्तान के चेहरे दुनिया के सामने साफ तौर पर आईने की तरह आ गया. इस घटना की संयुक्त राष्ट्र ने भी कड़ी निंदा की थी. कई देशों ने भी इस आतंकी घटना पर दुख जताते हुए आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक प्रयास पर बल दिया.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने क्या कहा
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि मुंबई पर 26/11 की आतंकी घटना का दर्द आज भी लोग महसूस करते हैं. उनकी सरकार का प्रयास है कि दोबारा इस तरह की कोई आतंकी घटनाएं नहीं हो. इस घटना में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी जा रही है.