पटना (PATNA) : पटना के वेटनरी कॉलेज मैदान में आज यानी रविवार को जेडीयू की भीम संसद का आयोजन होगा. मंत्री अशोक चौधरी का दावा है कि इसमें पूरे बिहार से एक लाख से भी ज्यादा दलित-महादलित लोग पहुंचेंगे. जाति गणना की रिपोर्ट आने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी का बिहार में पहला ऐसा आयोजन होने जा रहा है. ऐसे में जदयू की पूरी कोशिश होगी कि राज्य के समूचे अनुसूचित जाति के वोटरों को अपने साथ लाए. उसके बाद अब नीतीश की नजर दलित महादलित वोटबैंक पर है.
दरअसल, राज्य में पहली बार इस तरह दलित समुदाय के लोगों का संसद आयोजित किया जा रहा है. लिहाजा, इसका महत्व काफी बढ़ गया है. इस कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे. जबकि जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह इस आयोजन के मुख्य अतिथि होंगे. पटना के वेटनरी कॉलेज मैदान में आयोजित होने वाले इस भीम संसद में पूरे प्रदेश से दलित समुदाय के लोग शिरकत करेंगे. इस कार्यक्रम में दलितों के विषय पर विमर्श होगा.
राज्य में इस साल हुई जाति गणना के आंकड़ों के मुताबिक बिहार में अनुसूचित जाति यानी दलित एवं महादलित वर्ग की आबादी 19.65 फीसदी है. राज्य में पासवान यानी दुसाध, यादव के बाद दूसरी सबसे बड़ी जाति है. कुल आबादी में पासवान का हिस्सा करीब 5 फीसदी है. इसके अलावा 3 फीसदी लोग मुसहर समाज से हैं. ये दोनों ही जातियां महादलित वर्ग में आती है. ऐसे में अनुसूचित जाति के वोटर बिहार की राजनीति में मायने रखते हैं.
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