रांची(RANCHI): झारखंड विधानसभा स्थापना दिवस के मौके पर राज्य के मुखिया हेमंत सोरेन ने सभा को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि हमलोग राजनीति से जुड़े लोग हैं. माइक हाथ में आने के बाद कितना लंबा भाषण जायेगा कहना मुश्किल है, लेकिन आज उत्साह का दिन है इसलिए केवल उसी की बात होगी.
लंबे समय तक चला आदिवासियों तक शोषण
उन्होंने कहा कि आदिवासी दलित पिछड़े अल्पसंख्यक पर लंबे समय तक शोषण चला. झारखंड वीरों की धरती है यहां बिरसा मुंडा, तिलंगा खड़िया समेत कई योद्धाओं ने अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी. आखिर में हमें 2000 में शिबू सोरेन के आंदोलन के बदौलत अलग राज्य मिला. राज्य गठन के बाद विधानसभा बना और कार्यपालिका और विधायिका मिली दोनों बेहतर काम कर रहे हैं.
दोनों पक्ष और विपक्ष की भूमिका अहम
उन्होंने कहा कि झारखंड के सर्वोच्च पंचायत विधानसभा है. विधानसभा में दोनों पक्ष और विपक्ष की भूमिका अहम है. हम जनता के कार्यों का कैसे निपटारा करें जो हमने 20 वर्षों में किया उसे और बेहतर तरीके से करने की जरुरत है. राज्य को विकास के पथ पर लाने की जरुरत है.
विधायिका का दायित्व समस्याओं का हल करना
हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकार की ओर से कई योजनाएं चल रही हैं जो लोग 80 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्र में रह रहे हैं. वह कई समस्याओं से जूझ रहे है. इन लोगों को योजनाओं का लाभ दिलाने की जरुरत सिर्फ कार्यपालिका की नहीं है, विधायिका का भी दायित्व बनता है कि योजनाओं का लाभ उन्हें मिले.
उन्होंने कहा कि हमें ऐसी लकीर लिखनी चाहिए, जैसे हम महात्मा गांधी को याद करते हैं जो उन्होंने मार्गदर्शन दिया. उस रास्ते पर चल कर हमें और मजबूत करने की जरुरत है.
रिपोर्ट: समीर हुसैन, रांची