टीएनपी डेस्क: अभी के समय में शादी के लिए अच्छी लड़की ढूंढना लोगों के लिए काफी मुश्किल हो गया है. आजकल ज्यादातर लोग लड़की की सुंदरता देखकर शादी करना चाहते हैं. अगर लड़की सुंदर नहीं होती है तो वह शादी से मना कर देते हैं. तो वहीं कई बार लोग दहेज के लिए भी अपने बेटे की शादी किसी भी लड़की से करा देते हैं. लेकिन ऐसे रिश्ते अक्सर बाद में परिवार में कलह पैदा करते हैं. ऐसे में अगर आप भी अपने परिवार में ऐसी बहू को लाना चाहते हैं जो शादी के बाद आपके घर परिवार के लिए पूर्ण रूप से सही हो तो आप चाणक्य की कुछ नीतियों को जरूर पढ़ें. चाणक्य ने अपने नीति में महिलाओं और लड़कियों को लेकर भी कई बातें लिखी हैं. चाणक्य की नीतियां मनुष्य के जीवन के लिए काफी मददगार साबित होती हैं. चाणक्य ने अपने नीति में जीवनसाथी चुनने को लेकर कई बातें बताई हैं. आईए जानते हैं आज उन नीतियों के बारे में
जब भी आपको अपने बेटे की शादी के लिए लड़की का चुनाव करना हो तो इन तीन बातों को अवश्य ध्यान में रखें
1. चाणक्य कहते हैं कि किसी भी लड़की को देखने के लिए जाए तो सबसे पहले यह ध्यान दें कि उस लड़की को धर्म कर्म में आस्था है या नहीं क्योंकि जिस लड़की की धर्म में आस्था होगी वह कभी गलत काम नहीं करेगी और ना ही किसी को करने देगी. ऐसी लड़कियां परिवार को एक साथ लेकर चलती हैं.
2. वही लड़की का चुनाव करते वक्त आप एक चीज जरूर ध्यान दें की लड़की अपने परिवार वाले लोगों को कितना मान सम्मान दे रही है जितना मान सम्मान वह अपने पिता को देती है उतना ही मान सम्मान वह अपने पति को भी देगी. वह कभी भी अपने पति को धोखा नहीं देगी.
3. कई बार लोग लड़की की सुंदरता देखकर मोहित हो जाते हैं और रिश्ता पक्का कर लेते हैं लेकिन ऐसा करना गलत हो जाता है. आप बिना लड़की के गुण और कुल जाने उससे शादी ना करें. आचार्य कहते हैं कि समझदार व्यक्ति को रूप और कुल में हमेशा कुल को प्राथमिकता देनी चाहिए. अगर लड़की का कुल अच्छा होगा तो साधारण लिखने वाली लड़की से भी शादी करने में संकोच नहीं करना चाहिए. क्योंकि अच्छे कुल की लड़की का व्यवहार, उठने बैठने का तरीका, मान सम्मान सब सही होता है. कभी भी दहेज के लालच में शादी ना करें क्योंकि कई बार ऐसा होता है कि लोग दहेज के लालच में आकर विवाह कर लेते हैं और बाद में इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ता है. ऐसी लड़की ससुराल आने के बाद हमेशा अपने ससुराल वालों का अपमान करती है और परिवार में अशांति पैदा करती है।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जीवनसाथी के अंदर धैर्य का गुण होना चाहिए अगर धैर्य होगा तभी वह कठिन परिस्थितियों में भी एक दूसरे का साथ देंगे