पटना(PATNA): बिहार में जाति आधारित गणना आज से शुरू होने जा रही है. यह गणना दो चरणों में होने जा रही है. राज्य में नीतीश कुमार की सरकार पहले चरण में मकान की गिनती करेगी और उसमें नंबरिंग. इसके बाद अगले चरण में जाति, पेशा और अन्य तरह की जानकारी इकट्ठा की जाएगी. जिसको लेकर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक फैसला है और हमारी शुरू से ही मांग रही है कि बिहार के साथ देश में भी जातीय जनगणना हो इसके लिए हम लोगों ने सड़क पर भी उतरा था. यहां तक बिहार से सर्वदलीय कमेटी के सदस्यों ने भी प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी. लेकिन भारतीय जनता पार्टी की सरकार जातीय जनगणना नहीं करवाना चाहती लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में अपने खर्च पर जातीय जनगणना करवा रहे हैं. जिसकी आज से शुरुआत हो रही है. जिसका नाम रखा गया है कास्ट वेस्ट सर्वे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी बातें को रखा है जब जातीय जनगणना कंप्लीट हो जाएगी उसके अनुसार राज्य का बजट बनेगा और विकास के काम में गति आएगी.
सुशील मोदी का नीतीश से सवाल, जातीय जनगणना में इतनी देरी क्यों ?
वही जातीय जनगणना कराने में 7 माह की लेट शुरुआत को लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने सवाल खड़ा किया है उन्होंने कहा है कि बीजेपी जातिगत जनगणना के पक्ष में है, 2 जून 2022 कैबिनेट की बैठक में जातीय जनगणना कराने का निर्णय लिया गया. लेकिन 7 माह बाद इसकी शुरुआत हो रही है और इसमें सिर्फ मकानों की सूची सरकार बनाएगी. लेकिन वास्तविक सर्वे कब होगा इसका अभी पता नहीं है. सुशील कुमार मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल किया कि जब 22 जून 2022 में ही यह फैसला ले लिया गया था तब इतना देरी सरकार आखिर क्यों लगाई. सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जो लोग भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाते हैं वह भूल जाते हैं कि 2010 में आर्थिक सर्वेक्षण जनगणना में हम लोगों ने साथ दिया था. लेकिन उस सर्वेक्षण का अभी तक कोई पता नहीं. सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार से पहले कई राज्यों ने अपने खर्च पर जातीय जनगणना करवाया था, लेकिन उसे प्रकाशित नहीं किया गया.
तेजस्वी ने सुशील मोदी पर किया पलटवार
वही सुशील कुमार मोदी द्वारा जातीय जनगणना पर उठाए जा रहे सवाल को लेकर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने पटवार किया है उन्होंने कहा है कि बीजेपी के नेता बेवकूफी वाली बात करते हैं आखिर इस देश में हर चीज का सर्वेक्षण हो सकता है तो जातीय जनगणना का सर्वेक्षण क्यों नहीं हो सकता. तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी इसलिए जाति जनगणना नहीं करवाना चाहती क्योंकि जब जाति जनगणना हो जाएगी तो गरीबों का उत्थान हो जाएगा. इसलिए वह जातीय जनगणना से भाग रहे हैं.
वहीं हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के मुख्य प्रवक्ता विजय यादव ने कहा कि सुशील कुमार मोदी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और हमारी सरकार को धन्यवाद देना चाहिए कि वह अपने खर्च पर जातीय जनगणना करवा रहे हैं. सुशील कुमार मोदी जब बिहार सरकार पर सवाल खड़ा कर रहे हैं उससे पहले उन्हें प्रधानमंत्री पर सवाल खड़ा करना चाहिए कि वह देश में जातीय जनगणना क्यों नहीं करवाना चाह रहे हैं.