रांची(RANCHI): पूर्व विधायक लोबिन अब झामुमो के खिलाफ कोर्ट का रुख कर सकते है. जैसे ही लोबिन की सदस्यता विधानसभा से खत्म करने का फैसला आया. वैसे ही लोबिन हेंब्रम वकीलों से राय मशवरा ले रहे है. लोबिन लगातार कई अधिवक्ताओं से संपर्क कर रहे है. संभवत पार्टी के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट का रुख कर सकते है. हालांकि लोबिन की अगली चाल क्या होगी यह अभी स्पष्ट नहीं है. वह कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं.
स्पीकर ने सदस्यता किया रद्द
बता दें कि झारखंड विधानसभा न्यायधिकरण से झामुमो के बागी विधायक को बड़ा झटका लगा है. न्यायधिकरण में लंबी सुनवाई के बाद स्पीकर ने सदस्यता रद्द करने का फैसला सुनाया है. बुधवार को दोनो पक्षों को सुनने के बाद न्यायधीकरण ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. जिसके बाद गुरुवार को फैसला सुना दिया है. यह लोबिन के लिए एक बड़ा झटका है. लोबिन के अलावा भाजपा से बगावत करने वाले जेपी पटेल की भी सदस्यता खत्म की गई है.
पार्टी के प्रत्याशी के खिलाफ राजमहल लोकसभा से भरा ता पर्चा
आपकों बदा दें कि लोबिन ने लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी के प्रत्याशी के खिलाफ राजमहल लोकसभा क्षेत्र से अपना पर्चा दाखिल किया गया था. जिसके बाद पार्टी की ओर से उन्हे नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. लेकिन लोबिन ने तेवर दिखाते हुए लोकसभा का चुनाव पार्टी के खिलाफ लड़ा. जिसके बाद विधानसभा के न्यायधिकरण में मामला दर्ज कराया गया था. दल बदल के मामले में स्पीकर न्यायधीकरण में दोनो पक्षों को सुना गया. जिसके बाद पार्टी से बगावत करना सही पाया गया. आखिर में लोबिन के खिलाफ फैसला सुनाया है.
सड़क से सदन तक सरकार के खिलाफ उठाते थे आवाज
लोबिन शुरू से ही सरकार में रहते हुए विभिन्न मुद्दों पर सड़क से सदन तक सरकार के खिलाफ आवाज उठाते रहे है. 2019 के विधानसभा चुनाव में झामुमो के टिकट पर चुनाव लड़ कर सदन पहुंचे थे लोबिन. लेकिन बाद में सरकार की नीतियों पर लगातार सवाल खड़ा करते दिख रहे थे. चाहें 1932 का मुद्दा हो या फिर रोजगार या फिर सीएनटी एक्ट. सभी मुद्दों पर हेमंत सोरेन को घेरते थे. आखिर में पार्टी से बगावत कर लिया. जिसका खमियाजा उन्हे भुगतना पड़ा है.