पटना : बिहार में जब से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने हैं तब से लेकर अब तक मुख्य विभाग को अपने ही पास रखा है. ये वो विभाग है जो किसी भी सूरत में किसी को नीतीश कुमार नहीं देते हैं. 2005 से लेकर अब तक के कार्यकाल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई बार पाला बदला, लेकिन नही बदला तो वो है गृह विभाग. हालांकि, इस मामले पर कई बार विपक्षी पार्टियों ने सवाल भी उठाए. लेकिन नीतीश कुमार पर कोई फर्क नहीं पड़ा.
28 जनवरी को हुआ था एनडीए सरकार का गठन
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजद और महागठबंधन से नाता तोड़ कर एनडीए में शामिल हो गए. पिछली सरकार नीतीश कुमार ने राजद, कांग्रेस, माले के साथ गठबंधन कर बनाई थी, और ये सरकार सिर्फ 17 महीने ही चल सकी. इसके बाद नीतीश कुमार महागठबंधन से अलग होकर एनडीए शामिल होकर 28 जनवरी को सरकार का गठन किया था. उस समय नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनी सरकार में सीएम के अतिरिक्त 8 मंत्रियों ने शपथ ली थी. सरकार बनने के बाद से ही विभागों के बंटवारे का इंतजार किया जा रहा था. अब विभागों का बंटवारा हो गया है.
सीएम नीतीश के पास है गृह और निगरानी विभाग
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास सामान्य प्रशासन, गृह विभाग, मंत्रिमंडल सचिवालय, निगरानी, निर्वाचन एवं ऐसे सभी विभाग जो किसी को आवंटित नहीं हैं. ये वो विभाग जो नीतीश कुमार कभी किसी को नहीं देते हैं सिर्फ अपने ही पास रखते हैं. ये विभाग काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. इससे पहले जब एनडीए से नाता तोड़कर महागठबंधन की सरकार नीतीश ने बनाई थी तब राजद ने मांग किया था कि गृह और निगरानी विभाग तेजस्वी यादव को सौंपा जाए. लेकिन नीतीश कुमार ने किसी को नहीं दिया.
नीतीश कुमार ने ऐसे बदला पला
गौरतलब है कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की जयंती से एक दिन पहले मोदी सरकार ने भारत रत्न देने की घोषणा की थी. कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा के बाद राज्य में सियासी संग्राम शुरू हो गया था. कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर नीतीश कुमार उनके पैतृक गांव पहुंचकर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. उसके बाद उन्होंने मोदी सरकार की जमकर तारीफ की और लालू प्रसाद यादव का बिना नाम लिए परिवारवाद पर हमला कर दिया. उसके बाद लालू की बेटी रोहिणी आचार्य ने ट्वीट कर नीतीश कुमार को आड़े हाथों लिया. हालांकि बाद में रोहिणी आचार्य ने ट्वीट को डिलीट कर दिया. इसी के बाद बिहार की राजनीति में सियासी भूचाल आ गया. और नीतीश कुमार ने एक बार फिर पलटी मारकर एनडीए में शामिल हो गए.
बीजेपी का टूटा सपना!
बिहार में जब एनडीए सरकार का गठन हुआ तो शपथ ग्रहण के दौरान नीतीश कुमार के अलावा 8 मंत्रियों ने शपथ ली थी. जिसमें जदयू कोटे से तीन, बीजेपी कोटे से तीन, हम पार्टी से एक और एक निर्दलीय थे. तभी से कयास लगाया जा रहा था कि इस बार जो विभाग पहले से नीतीश कुमार के पास है वो अब बीजेपी कोटे से बने मंत्रियों के पास आ जाएंगे. बीजेपी के नेताओं ने भी राजद की तरह मांग करने लगे कि अब सामान्य प्रशासन, गृह विभाग, मंत्रिमंडल सचिवालय, निगरानी, निर्वाचन विभाग बीजेपी कोटे से बने मंत्रियों को मिलनी चाहिए. अब जब विभागों का बंटवारा हो गया तो सारे कयासों पर विराम लग गया और बीजेपी का सपना भी टूट गया. कहा जा रहा है कि बिहार में एक बार फिर से खेला होने वाला है. हालांकि अभी लोकसभा चुनाव नजदीक है तो अभी सत्तारुढ़ पार्टी कोई रिस्क लेना नहीं चाहेगी. लेकिन बिहार की जनता को अब नीतीश सरकार पर भरोसा नहीं है. लोगों का कहना है कि बिहार में एकबार फिर दूसरा गुल खिलने वाला है. वहीं कहा ये भी जा रहा है कि नीतीश कुमार ने बीजेपी को खुश रखने के लिए एक-एक मंत्री को कई विभागों की जिम्मेदारी दी है.
विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी 9-9 विभागों की बड़ी जिम्मेदारी
शनिवार को बिहार के नए नीतीश सरकार में शामिल मंत्रियों के विभागों का बंटवारा हुआ है. विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी को 9-9 विभागों की बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के पास वित्त, वाणिज्य कर, नगर विकास एवं आवास, स्वास्थ्य, खेल, पंचायती राज, उद्योग, पशु एवं मत्स्य संसाधन, विधि विभाग की जिम्मेदारी रहेगी. उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के जिम्मे कृषि, पथ निर्माण, राजस्व एवं भूमि सुधार, गन्ना उद्योग, खनन एवं भूतत्व, श्रम संसाधन, कला संस्कृति एवं युवा, लघु जल संसाधन, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग की जिम्मेदारी है.
इन मंत्रियों को मिला ये विभाग
सीएम नीतीश कुमार के करीबी व मंत्री विजय चौधरी को जल संसाधन संसाधन, संसदीय कार्य, भवन निर्माण, परिवहन, शिक्षा और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग मिला है. विजेंद्र प्रसाद यादव के पास ऊर्जा, योजना एवं विकास, मद्य निषेध, उत्पाद एवं प्रबंधन, निबंधन, ग्रामीण कार्य, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग रहेगा. डॉ प्रेम कुमार के पास सहकारिता, पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण, आपदा प्रबंधन, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन, पर्यटन विभाग रहेगा. श्रवण कुमार के पास ग्रामीण विकास, समाज कल्याण, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग रहेगा. संतोष कुमार सुमन के पास सूचना प्रविधिकी, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग रहेगा. सुमित कुमार सिंह के पास विज्ञान प्राविधिकी की एवं तकनीकी शिक्षा विभाग रहेगा.
रिपोर्ट: संजीव ठाकुर