रोहतास(ROHTAS)-बिहार की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था दुनिया की नजरों से छुपी नहीं है. लेकिन आये दिन कुछ ऐसी तस्वीरें हमें देखने को मिलती है. जिसको देखकर काफी तकलीफ होती है. अपनी नजरों पर विश्वास करना मुश्किल हो जाता है कि क्या हमारा देश इतना भी विकास नहीं कर पाया कि लोगों को आधारभूत सेवा भी नसीब हो.
दिल को झकझोरनेवाली तस्वीर
एक ऐसी ही दिल को झकझोरनेवाली खबर बिहार के रोहतास जिले से आई है. जहां एंबुलेंस सेवा के अभाव में एक टीवी मरीज को गंभीर हालत में तीन किलोमीटर ठेला पर धक्का मारते हुए अस्पताल पहुंचाया गया. लेकिन इन बातों से सीएम नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव को क्या मतलब है. इनको तो बस बिहार में कैसे सत्ता में बने रहना है इनको तो बस इफतार पार्टी करने से मतलब है. बिहार की जनता मरे या जिये इससे इनको कोई लेना-देना नहीं है. आपको बता दें कि स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने 60 दिनों के अंदर स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह बदलने का दावा किया था. लेकिन ऐसी तस्वीरों को देखकर उनकी सारी बातें झूठी साबित होती है.
ये है पूरा मामला
दरअसल पूरा मामला रोहतास जिले के करगहर प्रखंड क्षेत्र के डिभियां की है.जहां टीबी के मरीज जोखन पासवान की अचानक से तबीयत बिगड़ गई. अस्पताल जाने को लेकर एंबुलेंस के लिए टोल फ्री नंबर पर काफी देर तक ट्राई करने के बाद भी उन्हें एंबुलेंस नहीं मिला. मरीज की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए ठेले पर मरीज को सुलाकर करीब तीन किलोमीटर धक्का देकर अस्पताल ले जाया गया.
काफी कोशिश की गई लेकिन एंबुलेंस नहीं मिला
परिजनों कहना है कि टोल फ्री नंबर पर काफी देर तक ट्राई करने के बाद भी उन्हें एंबुलेंस नहीं मिला. जिसके बाद मरीज की हालत गंभीर होता देख 3 किलोमीटर धक्का देकर ठेले पर लाना पड़ा. परिजन ठेला लेकर जब अस्पताल पहुंचे तो वहां भी अस्पताल परिसर में ले जाने के लिए स्ट्रेचर नहीं मिला. मरीज की हालत इतनी खराब थी कि परिजन ठेला लेकर सीधे अस्पताल में घुस गए जिसके बाद इलाज शुरु किया गया.