धनबाद(DHANBAD) | तो क्या पूर्व सांसद पप्पू यादव फिर से लालू प्रसाद के साथ होंगे. आखिर भागलपुर में पुल धसने की घटना में पप्पू यादव ने नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव का बचाव क्यों किया. बीजेपी पर तो पप्पू यादव हमलावर हैं लेकिन नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के प्रति उनका रुख थोड़ा नरम हुआ है. पप्पू यादव तो लालू यादव से भी मिल चुके है. 2015 तक पप्पू यादव और लालू यादव एक साथ थे लेकिन 2015 के बाद पप्पू यादव ने आरजेडी से अलग होकर अपनी पार्टी बना ली. उसके बाद 8 साल बीत गए हैं लेकिन फिर इधर, रिश्ते की खटास खत्म हो रही है और मिठास बढ़ रही है. सूत्र बताते हैं कि पिछले महीने पप्पू यादव अचानक पटना स्थित राबड़ी देवी की आवास पहुंच गए और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद से मुलाकात की.
लम्बे समय के बाद रिश्तो में दिख रही नरमी
एक लंबे समय के बाद दोनों के रिश्तो में लेकर नरमी देखी गई. इसको लेकर बिहार के सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है. 2014 में आरजेडी ने मधेपुरा से लोकसभा का उम्मीदवार बनाया था पप्पू यादव को. मोदी लहर में भी पप्पू यादव ने इस सीट पर जीत दर्ज की. उन्होंने शरद यादव को बड़े अंतर से हराया. 2015 में वह आरजेडी से बाहर हो गए और जन अधिकार पार्टी के नाम से नई पार्टी बनाई. 2019 में उन्होंने जन अधिकार पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा.
90 के दशक में पप्पू यादव का नाम तेजी से उभरा था
90 के दशक में पप्पू यादव का नाम तेजी से उभरा था. कोसी और सीमांचल क्षेत्र में कई जातिगत हिंसा में पप्पू यादव का नाम आया. आईएएस जी कृष्णाया हत्याकांड में हाल ही में जेल से बाहर लौटे बाहुबली आनंद मोहन की गैंग से भी पप्पू यादव की अदावत रही है. हालांकि बाद में पप्पू यादव ने अपनी छवि को सुधारने की कोशिश की. पप्पू यादव पूर्णिया से तीन बार और मधेपुरा से दो बार सांसद रहे है. आरजेडी के अलावे निर्दलीय चुनाव लड़े और जीते. अब सवाल उठता है कि आनंद मोहन और पप्पू यादव में 36 का रिश्ता रहा है. लालू से पप्पू यादव की दोस्ती बढ़ रही है का मतलब यह साफ है कि आनंद मोहन से भी अब वह अपनी अदावत भूल जाना चाहते है. फिलहाल उन्हें भी एक प्लेटफार्म की जरूरत है, हो सकता है कि आरजे डी उन्हें उपलब्ध करा दे. आनंद मोहन को तो नीतीश कुमार का समर्थक मान लिया गया है और इसी वजह से जेल मैनुअल में सुधार कर आनंद मोहन को जेल से बाहर निकालने में बिहार सरकार ने एड़ी चोटी एक कर दिया था. फिलहाल आनंद मोहन जेल से बाहर है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो