टीएनपी डेस्क(TNP DESK): देश की राजनीति में एक नया ट्रेंड चल रहा है, जहां राज्य में चुनाव से पहले पार्टियों की ओर से महिलाओं को पैसे देकर लुभाने की कोशिश की जा रही है. सभी राजनीतिक पार्टियों को अच्छी तरीके से पता है कि यदि आप आधी आबादी को साथ लेकर लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते है, तो आपको हराना किसी भी पार्टी के लिए काफी मुश्किल है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव ने यह साबित कर दिया है, कि जिस तरह से महाराष्ट्र में चुनाव से पहले देवेंद्र फडणवीस सरकार ने महिलाओं को लाडली बहन योजना के तहत महिलाओं के खाते में हर महीने 1500 रुपये देने की घोषणा की, तो दुबारा चुनाव जितने पर इसे बढ़ाकर 2100 रुपये करने का वादा किया. दूसरी तरफ हेमंत सोरेन की सरकार ने भी मंईया सम्मान योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये देने की घोषणा की और दुबार सत्ता में आने के बाद इसे बढ़ाकर ढाई हजार रुपये करने की बात कही. जिसका नतीजा हुआ कि महाराष्ट्र में फडणवीस तो वहीं झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार बन गई.
बिहार में महिलाओं के लिए तेजस्वी यादव का बड़ा ऐलान
बिहार में 2025 में विधानसभा का चुनाव होना है. जिसको देखते हुए बिहार में भी इसी फॉर्मले को अपनाकर सत्ता हासिल करने का लक्ष्य साधा जा रहा है. बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी इस हिट फॉर्मूले से बिहार फतह करने की कोशिश की है. तेजस्वी यादव ने एक बड़ा ऐलान किया है और बिहार में 2025 में होनेवाले विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की जीत के बाद माई बहिन मान योजना के तहत महिलाओं के खाते में सीधे 2500 रुपये देने की घोषणा की है. इस योजना का नाम है माई बहिन मान योजना रखा गया है. इसका उदेश्य उन महिलाओं को राशि उपलब्ध कराना है, जो महंगाई की वजह से अपनी पसंद का खाना कपड़ा नहीं खरीद पाती है या बच्चों का इलाज नहीं करा पाती है.
इस हिट फॉर्मूले को अब बिहार में अप्लाई करने की कोशिश की जा रही है
आपको बतायें कि इस साल ही महाराष्ट्र में चुनाव हुए.जिसके पहले देवेन्द्र फडणवीस सरकार की ओर से लाडली बहन योजना की शुरुआत की गई थी. वहीं सीएम देवेन्द्र फड़णवीस ने महाराष्ट्र में दुबारा सरकार बनने की बाद 1500 की जगह 2100 रुपये महिलाओं के खाते में भेजने का वादा किया था. महिलाओं के इस बड़े ऐलान के बाद महाराष्ट्र में एनडीए की सरकार बन गई, और देवेन्द्र फडणवीस दोबारा महाराष्ट्र के सीएम बन गए. सीएम बनते ही देवेन्द्र फडणविस ने 2100 रुपये महिलाओं के खातों में भेजने की बात कही. वहीं इस फॉर्मूले पर चलते हुए झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार ने भी चुनाव जीता तो अब इस फॉर्मूले को बिहार में अपनाया जा रहा है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने फिर से एक बड़ा दांव खेला है और इस फॉर्मूले के तर्ज पर बिहार की महिलाओं को खुश करने के लिए बड़ा ऐलान कर दिया है.
महिलाओं को साधने में लगी है सभी राजनीतिक पार्टियां
आपको बताये कि राजनीतिक दलों को यह बात अच्छी तरह से पता है कि अगर आप सत्ता हासिल करना चाहते हैं तो फिर आधी आबादी को खुश करना जरूरी है. अगर आधी आबादी आपके साथ है तो फिर आपको कोई नहीं डूबा सकता है. सीएम नीतीश कुमार अगर आठवीं बार सीएम पद पर बने हुए हैं तो इसके पीछे भी महिलाओं का बहुत बड़ा हाथ है. बिहार में किसी भी शादी या किसी तरह के उत्सव में शराब की पार्टी जरूर होती है, लेकिन महिलाओं के कहने पर सीएम नीतीश कुमार ने बड़ा फैसला लेते हुए शराब बंदी कर दिया था, उन्हें पता था कि इसका विरोध पुरुष वर्ग जरूर करेगा, लेकिन फिर भी महिलाओं को नाराज किए बिना इतना बड़ा फैसला लिया, और इस कानून को लागू कर दिया, जिसका फायदा उन्हें कई चुनाव में मिल चुका है. वही सीएम नीतीश कुमार बिहार में महिला संवाद यात्रा की घोषणा कर चुके हैं जिस पर खूब राजनीति भी हो रही है, लेकिन एक बात तो तय है कि सभी पार्टियां अब आधी आबादी को साधने में लगी हैं.
पढ़ें तेजस्वी यादव ने कौन सा बड़ा ऐलान किया है
दरअसल बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शनिवार को दरभंगा में एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया और एक बड़ी घोषणा कर दी. जिसके मुताबिक यदि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनती है, तो “माई-बहिन मान योजना” के तहत महिलाओं के उत्थान के लिए प्रति माह 25 सौ रुपया महिलाओं को मिलेंगे. वही उन्होंने कहा कि "माई-बहिन मान योजना” के तहत जो जो गरीब महिलाये अपनी पसंद का खाना-कपड़ा नही पहन पा रही है, अपने बच्चों का इलाज नही करा पा रही है, उनके लिए इस योजना के तहत सीधे उनके खाते में 25 सौ रुपया हमलोगों की सरकार बनते ही एक महीने के भीतर देने का काम करेगी.
बिहार के नवनिर्माण की नींव महिलाओं की समृद्धि के बिना अधूरी है-तेजस्वी यादव
वहीं तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार के नवनिर्माण की नींव महिलाओं की समृद्धि के बिना अधूरी है. हमारा मानना है कि जब महिलाओं को नकद हस्तांतरण मिलता है तो वे अपने परिवार की भलाई में अधिक पैसा निवेश करती हैं, जैसे पूरे परिवार के लिए पौष्टिक भोजन, स्वास्थ्य सेवा, और बच्चों की शिक्षा. महिलाओं को सीधे लक्षित करके, हमारा ये कार्यक्रम घरेलू और सामुदायिक विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करता है. इन नकद हस्तांतरणों का गुणक प्रभाव महत्वपूर्ण है. महिलाओं की बेहतर आर्थिक स्थिति पूरे परिवार और समुदाय के लिए लाभदायक हैं.