गोपालगंज(GOPALGANJ):बिहार में पूर्ण रूप से शराबबंदी है, लेकिन फिर भी आए दिन पुलिस प्रशासन की ओर से करोड़ों रुपए की अवैध शराब जब्त की जाती है. वहीं शराब के नशे में अपराध किस्म के लोग कई अपराधिक वारदात को अंजाम भी देते हैं. बिहार में शराबबंदी का आलम यह है कि अब आम लोगों को तो छोड़िए सरकारी दफ्तर में बैठे कर्मचारी और अधिकारी भी इसके नशे से दूर नहीं हैं. ताजा मामला बिहार के गोपालगंज जिले से सामने आया है, जहां पुलिस ने सरकारी दफ्तर से शराब पीते हुए कई अफसर को धर दबोचा है.
सरकारी ऑफिस में शराब की पार्टी करते अधिकारी रंगे हाथ गिरफ्तार
गोपालगंज पुलिस ने जिला मूल्यांकन एवं अनुश्रवण पदाधिकारी को सरकारी ऑफिस में शराब की पार्टी करते हुए जहा रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया है. वहीं गिरफ्तार पदाधिकारी को नगर थाना के हाजत में बंद कर दिया है. इस घटना के बाद सदर अस्पताल परिसर में हड़कंप मच गया है. गिरफ्तार जिला मूल्यांकन एवं अनुश्रवण पदाधिकारी का नाम अनुराग जीतन है. पुलिस ने यह कार्रवाई सदर अस्पताल स्थित कार्यालय से किया है.
पढें मामले पर एसपी स्वर्ण प्रभात ने क्या कहा
गोपालगंज एसपी स्वर्ण प्रभात ने बताया कि डायल 112 की टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि जिला स्वास्थ्य समिति में जिला मूल्यांकन व अनुश्रवण पदाधिकारी अनुराग जीतन शराब के नशे में धुत है. वे अपने सरकारी कार्यालय में शराब की पार्टी कर रहे हैं. इसी सूचना के आधार पर डायल 112 की टीम ने मूल्यांकन अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया और जब उनका मेडिकल कराया गया तो मेडिकल जांच में शराब पीने की पुष्टि हुई है, उनको नगर थाना हाजत में रखा गया है. वहां से उनको न्यायालय में पेश किया जाएगा.
ये कैसी शराबबंदी है
बहरहाल बिहार में पूर्ण शराब बंदी है और शराब बंदी के बावजूद भी अधिकारी ही कार्यालय में शराब पार्टी करते रंगे हाथ पकड़े जाते हैं तो मद्द निषेध कानून का असर आम पब्लिक पर कैसे पड़ेगा. यह सोचने वाली बात है.