TNP DESK- बिहार के जेलों में शनिवार को सुबह-सुबह हड़कंप मच गया. जांच को प्रशासन की टीम पहुंच गई. सुबह 5:00 बजे ही बिहार के कई बड़े जेलों में छापेमारी हुई. प्रशासन की कार्रवाई को बिहार की जेल से अपराध की साजिश को जोड़कर देखा जा रहा है. वैसे कुछ लोग इसे डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के एक्शन मोड से भी कनेक्ट कर रहे है. गृह मंत्रालय फिलहाल सम्राट चौधरी के पास ही है. जानकारी के अनुसार पटना के अलावा मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, मोतिहारी समेत अन्य कई जेलों में छापेमारी की गई. पुलिस बल ने जेल के सभी वार्ड को खंगाला. हालांकि किसी आपत्तिजनक समान बरामदगी की सूचना नहीं है.
बता दे कि नीतीश सरकार के गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने शपथ लेते ही यह ऐलान किया था कि अब अपराधियों की खैर नहीं है. या तो वह अपना काम छोड़ दें या बिहार से बाहर चले जाए. सूत्र बताते हैं की जेल से अपराध की साजिश रचे जाने की आशंका को देखते हुए शनिवार को राज्य के जेलों में छापेमारी की गई. सुबह-सुबह अधिकारियों का दल जेल में पहुंच गया और कार्रवाई शुरू कर दी. 2 घंटे तक जेलों की गहन जांच पड़ताल की गई. उल्लेखनीय है कि नीतीश कुमार के कार्यकाल में पहला ऐसा मौका है, जब गृह मंत्रालय उनके पास नहीं है. वैसे भी बिहार अपराध को लेकर बदनाम रहा है. जंगलराज के खिलाफ आवाज उठाकर ही एनडीए की सरकार फिर से दोबारा बिहार में आई है.
दो-तीन दिन पहले प्रदेश में अपराध की एक दो घटनाएं भी हुई है. समझा जाता है कि अपराध पर जीरो टॉलरेंस पर काम शुरू करते हुए शनिवार को बिहार के जेलों में छापेमारी की गई. अपराधियों में एक संदेश देने की कोशिश की गई कि अब उनकी नहीं चलेगी. बेउर जेल में भी छापेमारी की गई. बेउर जेल में मोकामा के विधायक अनंत सिंह बंद है. चुनाव के पहले दुलारचंद यादव की हत्या के आरोप में वह जेल भेजे गए है. सूत्र बताते है कि सुरक्षा करने से बिहार के अधिकांश जिलों में सरप्राइज रेड किया गया है. कई बार होने वाले अपराधों का कनेक्शन जेल से मिलता रहा है. शायद अपराधियों की रीढ़ को तोड़ने के लिए नए गृह मंत्री सम्राट चौधरी के आदेश के बाद पुलिस एक्शन मोड में है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
