रांची(RANCHI)- झारखंड हाईकोर्ट से विधायक इरफान अंसारी को बड़ी राहत मिली है. न्यायमूर्ति नवनीत कुमार की न्यायालय ने 2018 में छेड़खानी की शिकार एक बच्ची का वीडियो वायरल करने के मामले में उन्हे जमानत दे दी है. इसके साथ ही विधायक के खिलाफ दुमका के एमपी/ एमएलए कोर्ट में चल रही कार्रवाई पर भी रोक लगा दी है.
वर्ष 2018 की घटना
यहां बता दें कि वर्ष 2018 में एक चार वर्षीय बच्ची के साथ छेड़खानी की घटना हुई थी, घटना की जानाकारी मिलते ही विधायक इरफान अंसारी बच्ची और उसके परिजनों से मिलने अस्पताल पहुंचे थे, दावा किया जाता है कि इसी दौरान उनके मोबाइल से बच्ची की तस्वीर खिंची गयी थी, जिसके बाद विधायक इरफान अंसारी के खिलाफ जामताड़ा थाने में प्राथमिकी (कांड संख्या 175 / 2018) दर्ज करवायी गयी थी. दर्ज प्राथमिकी में दावा किया गया था कि वीडियो वायरल करने से बच्ची की पहचान सार्वजनिक हो गयी, यह दिशा निर्दशों को उल्लंघन है.
हाइकोर्ट के द्वारा एमपी/ एमएलए कोर्ट में चल रही कार्रवाई पर रोक लगाने को इरफान अंसारी के लिए बड़ी राहत मानी जा रही है, क्योंकि एमपी/ एमएलए कोर्ट के फैसलों के आधार पर झारखंड में अब तक कई विधायकों की सदस्यता गंवानी पड़ी है.
विधायक इरफान अंसारी का दावा
वैसे इस मामले में विधायक इरफान अंसारी का दावा था कि उनकी कोशिश महज बच्ची को बेहतर चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध करवाने की थी, उनकी कोई भी गलत मंशा नहीं थी. और ना ही उनके द्वारा वीडियो वायरल किया गया था. यहां हम बता दें कि इस तरह के मामलों में किसी भी पीड़िता की पहचान को उजागर करना गंभीर मामला है. इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा भी कई दिशा निर्देश जारी किया जा चुका है. यह एक बेहद संवेदनशील मामला माना जाता है.