टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : सोमवार को राहुल गांधी के नेतृत्व में कन्याकुमारी से चला भारत जोड़ो यात्रा का कारवां का श्रीगर के लाल चौक पर समापन हो जायेगा. यात्रा का प्रारम्भ और बाद में राहुल गांधी यह बार बार दुहराते रहे हैं कि भारत यात्रा का मकसद देश में मौजूद विभाजनकारी शक्तियों और नफरती सोच को परास्त करना है, और इसका कोई राजनीतिक मकसद नहीं है, लेकिन सत्ता पक्ष के साथ ही देश के सारे राजनीतिक-सामाजिक बौद्धिक चिंतकों में यह जानने की उत्कुंठा बरकरार है कि क्या राहुल गांधी इस भारत यात्रा की समाप्ति के बाद विपक्षी खेमें को निर्विवाद रुप से नेतृत्व करने की स्थिति में होगें, क्या विपक्ष के विखरे और कई मामलों में अस्त पस्त दलों को राहुल गांधी के नेतृत्व में चलना मंजूर होगा.
करीबन 21 दलों को भेजा गया है न्योता
आज यानी सोमवार को इसी की परीक्षा होनी है, इस यात्रा के समापन पर कांग्रेस की ओर से करीबन 21 दलों को न्योता भेजा गया है, लेकिन खबर आ रही है कि सपा, आरजेडी सहित जदयू ने इस यात्रा से अपनी दूरी बना ली है, ममता दीदी का भी इस मौके पर उपस्थिति होना संदेहास्पद है. कांग्रेस की ओर से तो ममता बनर्जी पर शब्दों के तीर भी चलाये जाने लगे हैं. ममता बनर्जी को भाजपा का पिछलग्गू बनाने की कोशिश भी की जा रही है.
आज भी बिखरा है विपक्ष
साफ है कि यात्रा की समाप्ति के पहले विपक्ष जितना बिखरा था, आज भी उसकी स्थिति वही है, विपक्षी खेमे की ओर से राहुल गांधी के नेतृत्व को स्वीकार करने की उत्सुकता नहीं है. नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष ललन सिंह ने भी कहा है कि हमारी पार्टी की ओर से इस कार्यक्रम में कोई शामिल नहीं हो रहा है.
ये पार्टियां होगी भारत यात्रा में शामिल
जबकि शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), उद्धव ठाकरे की शिवसेना, सीपीआई (MP), द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK), तेजस्वी यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD), सीपीआई विदुथलाई चिरुथिगल काची (VCK), केरल कांग्रेस, महबूबा मुफ्ती की पार्टी जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP), फारूक अब्दुल्ला की जम्मू-कश्मीर नैशनल कॉन्फ्रेंस और शिबू सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) जैसी पार्टियां कांग्रेस के इस समारोह में भाग लेने जा रही है.