टीएनपी डेस्क(TNP DESK): दावोस में आयोजित विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की वार्षिक बैठक में दुनिया की प्रतिष्ठित गैर सरकारी संगठन ऑक्सफैम के द्वारा 'सबसे धनी की उत्तरजीविता' नामक रिपोर्ट से भारत सहित पूरे भारतीय उपमहाद्विप के सत्ता संस्थानों में एक बेचैनी है. रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि देश के मात्र एक प्रतिशत अमीरों के पास देश की कूल 40 फीसदी संपत्ति है. अगर भारत के अरबपतियों की पूरी संपत्ति पर मात्र दो फीसदी की दर से एकमुश्त कर लगाया जाए, तो अगले तीन साल तक कुपोषित से लड़ने के लिए 40,423 करोड़ रुपये प्राप्त की जा सकती है. जबकि 'देश के 10 सबसे अमीर अरबपतियों पर पांच प्रतिशत का एकमुश्त कर (1.37 लाख करोड़ रुपये) लगाकर 86,200 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त की जा सकती है, जो वर्ष 2022-23 में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (86,200 करोड़ रुपये) और आयुष मंत्रालय के लिए जारी बजट से 1.5 गुना अधिक होगा.
लैंगिक असमानता के मुद्दे पर रिपोर्ट में दावा
रिपोर्ट में लैंगिक असमानता के मुद्दे पर कहा गया कि महिला श्रमिकों को एक पुरुष कर्मचारी के मुकाबले सिर्फ 63 पैसे का भुगतान होता है. ठीक उसी प्रकार अनुसूचित जाति और ग्रामीण श्रमिकों को मिलने वाले पारिश्रमिकी मंग भी सामाजिक-आर्थिक विषमता है.
जाति के आधार पर पारिश्रमिक का भुगतान
लेकिन इससे भी चौंकाने वाला दावा यह है कि देश के अगड़े सामाजिक वर्ग या जातियों को मिलने वाली पारिश्रमिक के मुकाबले अनूसूचित जातियों को 55 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्र के श्रमिकों को मात्र 50 फीसदी ही पारिश्रमिक का भुगतान होता है.
असंगठित क्षेत्रों की स्थिति क्या है?
अब सवाल यह होता है कि असंगठित क्षेत्रों की स्थिति क्या है? क्योंकि माना यह जाता है कि इसी क्षेत्र में सबसे ज्यादा रोजगार है, और यहीं काम की सुरक्षा और दूसरे सुविधाओं का घोर अभाव है. साथ ही असंगठित क्षेत्र में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और दूसरे वंचित समूहों की बड़ी भागीदारी है, यद्यपि इस मुद्दे पर इस रिपोर्ट में खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन इतना जरुर बताया गया है कि देश के कमजोर सामाजिक समूहों में इस आर्थिक संरचना के कारण एक बेचैनी सी है.
अगले पांच दिनों में स्मृति इरानी से लेकर कई राजनेताओं के शामिल होने की सूचना
यहां बता दें कि अगले पांच दिनों से यहां 50 से अधिक देशों और उनके प्रमुखों को शामिल होने की सूचना है. इस बैठक में भारत की ओर से केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, मनसुख मंडाविया, स्मृति ईरानी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के शामिल होने की सूचना है. इसके साथ ही आप नेता राघव चड्ढा, तेलंगाना के मंत्री केटी रामाराव और तमिलनाडु के मंत्री थंगम थेनारासु भी शामिल हो सकते हैं.
गौतम अडानी सहित देश के प्रमुख उद्योगपतियों के शामिल होने की संभावना
यदि बात उद्योगपतियों की करें तो इस बैठक में प्रमुख भारतीय कारोबारी गौतम अडानी, संजीव बजाज, कुमार मंगलम बिड़ला, एन चंद्रशेखरन, नादिर गोदरेज, अजीत गुलाबचंद, सज्जन जिंदल, सुनील मित्तल, रोशनी नादर मल्होत्रा, नंदन नीलेकणि, अदार पूनावाला, ऋषद प्रेमजी और सुमंत सिन्हा के शामिल होने की संभावना है.
रिपोर्ट: देवेन्द्र कुमार, रांची