टीएनपी डेस्क: ‘हे काली मां अपने बेटे को दर्शन दो...’ बस इतनी सी बात कह पुजारी ने अपना गला रेत दिया. अंधविश्वास में एक और जान चली गई. देश में अभी भी अंधविश्वास की जड़ें फैली हुई हैं. आये दिन किसी न किसी की जान इस अंधविश्वास में जा रही है. कुछ ऐसा ही हुआ उत्तर प्रदेश के वाराणसी के तीर्थ पुजारी के साथ. सुबह मंदिरों में भगवान की पूजा करने के साथ-साथ दिन में पर्यटकों को घुमाते लेकिन रात में तंत्र-मंत्र की पूजा भी करते. इसी तंत्र-मंत्र की पूजा करते करते पुजारी ने अपनी ही बलि चढ़ा दी. आपको इस बात पर यकीन नहीं होगा लेकिन काली मां का आह्वान करते-करते पुजारी ने अपना ही गला काट लिया.
यह मामला है उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले का. जहां एक तीर्थ पुजारी काली मां की पूजा कर रहा था. अचानक से पूजा करते-करते मां का आह्वान किया ‘हे काली मां अपने बेटे को दर्शन दो...’ और फिर चाकू से गला काट कर काली मां को अपनी ही बलि चढ़ा दी. जब पुजारी अपनी बलि चढ़ा रहा था तब उसकी पत्नी किचन में खाना बना रही थी. जब पुजारी की चीखने की आवाज आई तब वह दौड़ कर पूजास्थल पर गई और देखा कि उसका पति जमीन पर खून से लथपथ पड़ा हुआ है. आनन-फानन में फिर पुजारी को मंडलीय चिकित्सालय इलाज के लिए ले जाया गया. लेकिन वहां डॉक्टरों ने पुजारी को मृत घोषित कर दिया.
बताया जा रहा है कि, पुजारी अपनी पत्नी और एक बेटे के साथ किराये के मकान में रहता था. पुजारी की पत्नी का कहना है कि पुजारी की रुचि तंत्र-मंत्र में भी थी. ऐसे में सब यही कयास लगा रहे हैं कि पुजारी ने अंधविश्वास में ही अपनी बलि चढ़ा दी है.