टीएनपी डेस्क(TNP DESK): बरसात के मौसम में सांपो का प्रकोप काफी ज्यादा बढ़ जाता है.क्योंकि बरसात के दिनों में सांपो के बिलो में पानी भर जाता है जिसकी वजह से सांप बिलो से बाहर निकाल कर लोगो के घरो और खेतो में घुस जाते है. इसके पीछे एक वजह यह भी है कि बरसात में उमस वाली गर्मी पड़ती है जिसकी वजह से सांप ठंडा पाने के लिए बिल से बाहर निकल आते है और लोगो के घर में घुसकर उनको अपना शिकार बनाते है. जिसके चलते हर साल कई लोगों की जान चली जाती है.
100 में से 20 प्रतिशत सांप ही जहरीले होते है
भारत में सांपो की 250 से अधिक प्रजातियां पाई जाती है.जिनमें से महज कुछ सांप ही जहरीले होते है. यानी 100 में से 20 प्रतिशत सांप ही जहरीले होते है. बाकी 80 प्रतिशत सांपो के जहर से लोगो की जान नहीं जाती है. देश में 20 प्रतिशत सांपो का जहर आदमी के शरीर में काफी तेजी से फैलता है और अपना असर दिखाना शुरू कर देता है, लेकिन आज हमारे देश में सभी सांपो के जहर का इलाज संवहन हो चुका है, लेकिन फिर भी हमारे देश में हर साल सांपो के जहर से कई लोग अपनी जान गवां बैठते हैं. इसके पीछे सही इलाज की जानकारी का अभाव है.
पढ़ें स्नैक बाइट पर क्या कहता है WHO
आपको बताये कि 20 सालों में हमारे देश में सांप के काटने से लगभग 12 लाख लोगों की मौत हो चुकीहै. जिनमें सबसे अधिक मौत ग्रामीण इलाकों में हुई.क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को जानकारी की जरूरत थी, इसलिए विग्रह क्षेत्र में लोगों ने जानें चली गई, क्योंकि आज भी ग्रामीण क्षेत्र में सांपों के काटने को अनहोनी या फिर पुराने धार्मिक मान्यताओं से जोड़कर देखा जाता है,और अस्पताल ले जाने के बजाये झाड़ फूंक कराया जाता है, जिससे लोगों की मौत हो जाती है, लेकिन WHO की मानें तो सांपों का कांटना यानी स्नैक बाइट एक उपेक्षित बीमारी है और इसका इलाज एंटी वेनम वैक्सिन से हो सकता है.
जागरुकता के अभाव में स्नैक बाइट स सबसे ज्यादा मौत ग्रामीण इलाकों में होती है
सांपों के काटने से सबसे ज्यादा ग्रामीण इलाकों में होती है, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में लोग कम पढ़े लिखे होते हैं जिसकी वजह से सांप काटने पर मरीज को डॉक्टर के पास ले जाने से पहले पूरे झाड फूंक करने में लग जाते है. जिसका इलाज में देरी होने की वजह से जान चली जाती है. वहीं कुछ लोग आज भी सांप के काटने को धार्मिक मानते हैं या फिर जन्म के कथाओं से जोड़ कर देखते हैं, जो बिल्कुल गलत है. इसलिए यदि किसी को गलती से सांप ने काट लिया है, तो क्या करना करना चाहिए हम आपको आज इस आर्टिकल में बतायेंगे.
भारत में इन चार सांपों को ही माना जाता है जहरीला
आपको बता दें कि 250 सांपों की प्रजातियों में चार सांप सबसे जहरीले होते हैं, जिनके काटने से आदमी की जान जा सकती है, वो भी उस स्थिति में जब सही समय पर इलाज ना मिले. इन चारों सांपों में ब्लैक कोबरा , कॉमन क्रेट, रसेल वाइपर और सॉ-स्केल्ड वाइपर शामिल है, इन सभी जहरीले सांपों का फन काफी नुकिला होता है, जहरीला होने के बाद भी इन सभी सांपों के काटे जाने पर ईलाज पूरी तरह से संभव है, यदि पीड़ित को सही समय पर ईलाज मिल सके.इसलिए इनके काटने के बाद आप बिल्कुल हाईपर ना हो, और जितना जल्दी हो सके पीड़ित को लेकर अस्पताल पहुंचे.
सांप काटने पर सबसे पहले करें ये काम
यदि किसी को सांप ने काट लिया है, तो इसे पूरे शरीर में फैलने से रोकने के लिए काटे जानेवाली जगह को किसी कपड़े से कसकर बांध दें. कई बार लोग जानकारी के अभाव में स्नैक बाइट वाली जगह को किसी हथियार से काट देते है, ऐसी गलती बिल्कुल नहीं करनी चाहिए. वहीं यदि सांप के काटने के बाद लोग उस सांप को पकड़ने की कोशिश भी करते है, ये भूलकर भी ना करें वरना दोबारा आपको सांप काट सकता है.
काटे गये हिस्सें में मूवमेंट करें बंद
वहीं सांप काटे पीड़ित को सिर ऊपर करके लेटने को बोलें. जिस जगह पर स्नैक बाइट है इस हिस्से को बिल्कुल हिल डुल ना करें. ऐसा करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ेगा और जहर तेजी से शरीर में फैल सकता है. सांप काटे हिस्से को पहले साबुन से धोकर साफ करें, और सूती कपड़े से ढंक दें. मरीज को जल्दी अस्पताल ले जाने की कोशिश करें.आपकी जानकारी के लिए बता दें कि देश के हर राज्य और हर जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल में एंटी स्नेक वेनम वैक्सीन उपलब्ध रहती है, सांप से काटे जानेवाले मरीज को लगाई जाती है.