टीएनपी डेस्क (TNP DESK):-डुमरी उपचुनाव में N.D.A जितेगी या I.N.D.I.A बाजी मार लेगा कहना तो अभी मुश्किल है. लेकिन, सच्चाई यही है कि दोनों के बीच झारखंड में ये पहली चुनावी जंग है. बेशक जो भी विजयी हो, उनका जोश, जूनुन औऱ हौंसला तो बढ़ेगा ही. हालांकि, राज्य में इसके बाद लोकसभा चुनाव को लेकर हड़बड़ाहट और उकताहत भी तेज हो जाएगी. सभी अपने-अपने दावों के साथ चुनावी मैदान में खुद को साबित करने की कोशिश में होंगे. वक्त जैसे-जैसे नजदीक आता जाएगा, तो लड़ाई भी फिर एक नई अंगड़ाई लेगी. वैसे नजर फेरे तो सीटों के बंटवारे को लेकर N.D.A में उतनी किचकिच बीजेपी और आजसू के बीच शायद देखने को मिले. गठबंधन के तहत 2019 में सिर्फ गिरिडीह संसदीय सीट पर ही आजसू ने चुनाव लड़ा था औऱ जीत भी हासिल किया था. बाकी जगहों पर भाजपा ने अपना ही उम्मीदवार उतारा था.
I.N.D.I.A में सबके अपने-अपने दावे
दूसरी तरफ I.N.D.I.A में सीटों के बंटवारे के लेकर अभी से खटपट की खबरें सुनने को मिल रही . बात आपस में बनेगी या बिगड़ेगी ये तो भविष्य तय करेगा. लेकिन, सीटों को लेकर जो तरह-तरह के बड़े-बड़े दांवे पेश कर फिंजा बनाई जा रही है. और आपस में ही मान-मनौव्वल चल रही है. कोई 9 तो कोई 4 सीटों पर चुनाव लड़ने की हुंकारें भर रहा है. अगर ऐसे ही बयानबाजियों, दांवे और खींचतान की तलवारें लहरायी जाएगी, तो फिर I.N.D.I.A गठबंधन पर ही संकट के बादल गहराने लगेंगे.
कांग्रेस का 9 सीटों का प्रस्ताव
दिल्ली में हुई बैठक में कांग्रेस ने 9 सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखा है. हालांकि, झारखंड कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय ने दावा किया है कि 14 सीटों पर तैयारी की जा रही है, लेकिन 9 सीटों पर तो उनकी दावेदारी बनती ही है.कांग्रेस के इस कदम के बाद जेएमएम, राजद समेत वमदल के लिए संकट खड़ा हो जाएगा. अगर कांग्रेस 9 सीट पर चुनाव लेड़ेगी, तो फिर बाकियों के लिए 5 ही सीट बचेगी. 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 7, जेएमएम 4, जीवीएम 2 और राजद ने 1 सीट पर प्रत्याशी उतारा था. कांग्रेस का 9 सीटों में उतरने के पीछे जेवीएम की 2 सीटे लेने की है. क्योंकि जेवीएम का तो भाजपा में विलय हो गया है.
बड़े भाई के किरदार में रहना चाहती है कांग्रेस
झारखंड में कांग्रेस की ख्वाहिश बड़े भाई के किरदार में रहने की है. लेकिन, जेएमएम ने अपनी कार्यकारणी की बैठक में साफ कर दिया था कि राज्य में उनकी पार्टी सबसे बड़ी है. लिहाजा, लोकसभा चुनाव में बड़े भाई की जिम्मेदारी भी वही उठायेगी. झामुमो विधानसभा चुनाव परिणाम के आधार पर ही सीटों का बंटवारा चाहती है. इधर सीपीआई के वरिष्ठ नेता भुवनेश्वर मेहता ने भी सवाल खड़े किया है. उनका कहना कि अगर 9 सीट पर एक ही पार्टी लड़ेगी, तो फिर ऐसे में I.N.D.I.A गठबंधन कैसे मूर्त लेगा. उन्होंने हजारीबाग सीट सीपीआई को देने की मांग की है.
I.N.D.I.A में अभी से ही सीट बंटवारें को लेकर तरह-तरह की बातें सुनने को मिल रही है.किसको कितनी सीट मिलेगी और कौन बड़े भाई के किरदार में होगा.ये तो समय तय कर देगा. लेकिन, जिस तरह से सभी अपनी-अपनी महत्वकांक्षाएं पाल रखी है. इससे तो यही लगता है कि I.N.D.I.A की सेहत के लिए अच्छा नहीं है.
रिपोर्ट- शिवपूजन सिंह