TNP DESK- हाल ही में संसद में कैसे वित्तीय वर्ष 2025-26 के आम बजट में बड़ी घोषणा की गई. अलग-अलग घोषणाओं के अलावा सबसे ज्यादा लोकप्रिय और अधिकांश लोगों को खुशी प्रदान करने वाली जो घोषणा की गई है वह है 12 लाख तक आय वाले को किसी प्रकार का आयकर नहीं देना पड़ेगा. देश का मध्यम वर्ग इस घोषणा से उछल पड़ा. उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. वेतन भोगी वर्ग के लिए यह घोषणा सही अर्थों में बहुत महत्वपूर्ण है. यह अलग बात है कि इससे भारत सरकार को एक लाख करोड़ रुपए का नुकसान होगा लेकिन अब एक और खुशखबरी खास तौर पर मध्यम वर्ग के लिए है. वह यह कि रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने अपने रेपो रेट में कटौती कर दी है. 5 साल के बाद यह कटौती की गई है. इसका भी अच्छा प्रभाव पड़ने वाला है.
रिजर्व बैंक की बैठक में हुआ फैसला, जानिए विस्तार से
रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया की एमपीसी यानी मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक हुई. रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के गवर्नर संजय मल्होत्रा के नेतृत्व में यह बैठक 5 फरवरी को आयोजित हुई.इसमें बहुत सारे विषयों पर चर्चा की गई. देश की अर्थव्यवस्था के ट्रेंड पर विचार किया गया रिजर्व बैंक ने यह माना कि देश में आर्थिक स्थिति उत्तरोत्तर मजबूत होती जा रही है.कुछ विषय पर चिंता जरूर जताई गई लेकिन मोटे तौर पर यह माना गया कि देश में खुदरा महंगाई की दर नियंत्रण में रहेगी. 2025 में यह खुदरा महंगा दर 4.6% रहेगी.
बैंकों का कैश रिजर्व रेशियो 4% कर दिया गया है. इससे बाजार में पैसा और आएगा. लोगों की क्रय शक्तिबढ़ेगी. वित्तीय वर्ष 2025-26 में विकास दर 6.7 प्रतिशत रहने की उम्मीद है. सकारात्मक अर्थव्यवस्था के परिदृश्य की उम्मीद की गई है.
रेपो रेट में की गई कटौती का मतलब क्या है
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई महत्वपूर्ण चीजों की जानकारी दी. रिजर्व बैंक की बैठक में एक बड़ा फैसला लिया गया. वह फैसला रेपो रेट में कमी का है. रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 0.25% की कमी की घोषणा की है. मोटे तौर पर यह 5 साल के बाद लिया गया निर्णय है. पिछले 2 साल से तो इस रेट को फ्रीज कर रखा गया था. इसका आम लोगों पर बड़ा अच्छा असर होने वाला है. रेपो रेट में कमी की वजह से अब कर्ज लेना सस्ता हो जाएगा. लोगों को ईएमआई भी कम देनी पड़ेगी. यह अनुमान लगाया जा रहा था कि रिजर्व बैंक इस बार रेपो रेट में कमी ला सकता है और यह अनुमान सही साबित हुआ है. इससे मध्यम वर्ग को बड़ा फायदा होगा. मोटे तौर पर घर बनाने का सपना उनका सस्ता हो जाएगा. बैंक भी अधिक से अधिक ऋण देने के लिए प्रेरित होगा. रिजर्व बैंक की बैठक में यह कहा गया कि एनबीएफसी और बैंकों को साइबर सिक्योरिटी पर ध्यान देना चाहिए. रिजर्व बैंक की एमपीसी की बैठक में साइबर अपराध के बढ़ते जाल पर चिंता जताई गई और इसके निदान के लिए और अधिक सिक्योरिटी अरेंजमेंट पर जोर दिया गया.