पटना(PATNA): गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राम मंदिर निर्माण की तारीख की घोषणा के बाद राजनीति तेज है. जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने अमित शाह से इसे लेकर सवाल पूछा है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण पूरा होने की तिथि की घोषणा करने वाले गृह मंत्री अमित शाह को यह भी बताना चाहिए कि हर साल 2 करोड़ युवाओं को नौकरी-रोजगार देने की उनकी घोषणा की तारीख कब आएगी. केंद्र की मोदी सरकार से यह सवाल जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने पूछा है. जदयू प्रवक्ता ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण 1 जनवरी 2024 को बनकर तैयार होने की घोषणा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की है. लेकिन, उन्हें यह भी बताना चाहिए कि नौकरी का जो वादा उन्होंने देश के युवाओं से से किया था उसकी तारीख कब आएगी.
‘भूखे भजन न होय गोपाला’
उन्होंने कहा कि न्यायालय के फैसले के आलोक में अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम राम का मंदिर 1 जनवरी 2024 को आम जनों को समर्पित होगा. अमित शाह ने यह घोषणा की है. निश्चित रूप से मर्यादा पुरुषोत्तम राम के प्रति सबका सम्मान है. लेकिन हमारी उम्मीद यह भी है कि ‘भूखे भजन न होय गोपाला’. ऐसे में अमित शाह को यह बताना चाहिए कि वर्ष 2014 से लेकर 2023 तक 9 वर्ष में 18 करोड़ नौजवानों को रोजगार देने की बात थी. अगर उसकी तिथि बताने की भी घोषणा कर देते तो लोगों को सुकून और चैन मिलता है. इससे लोकतंत्र की आत्मा और मजबूत होती.
त्रिपुरा में एक रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने की घोषणा
बता दें कि देश के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने त्रिपुरा में एक रैली को संबोधित करने के दौरान घोषणा की कि अगले साल एक जनवरी तक अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हो जायेगा. शाह की इस घोषणा को साल 2024 में लोकसभा चुनाव और कई राज्यों में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर काफी अहम माना जा रहा है. शाह के इस बयान से साफ लग रहा है कि भाजपा सरकार इसे अपनी उपलब्धि बतायेगी और चुनाव में ये मुद्दा काफी गर्म रहेगा. बता दें कि भाजपा 1990 से राम मंदिर का मुद्दा उठाती रही है. इस दौरान पूरे देश के ध्यान केंद्रित करने के लिए लालकृष्ण आडवाणी ने रथ यात्रा निकाली थी. वहीं, राम मंदिर के मुद्दे पर अमित शाह से लेकर भाजपा के बड़े नेता बयान देते रहते हैं.