टीएनपी डेस्क(TNP DESK): पिछले दिनों इजरायली क्षेत्र में फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास ने जोरदार हमला किया जिसमें 750 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और 8000 से अधिक लोग जख्मी हैं. इस हमले को लेकर पूरे विश्व भर में चिंता व्यक्त की जा रही है. अभी भी खून-खराबा जारी है.इधर इजराइल ने साफ तौर पर कहा है कि हमास ने युद्ध शुरू किया है तो इसका अंजाम भी उसे भुगतना होगा.
हमास का क्यों है इतना बड़ा दबदबा
गाजा पट्टी क्षेत्र में हमास का नियंत्रण है.1987 में इस आतंकी संगठन की स्थापना हुई.फिलिस्तीन में यह इजराइल के खिलाफ धीरे-धीरे जनता के बीच अपनी पैठ बनाया.उसके बाद से हिंसा के माध्यम से इसने इजरायल के साथ युद्ध करने और दुश्मनी साधने का काम शुरू किया है. गाजा पट्टी में इसका शासन चलता है. इजराइल के साथ फिलिस्तीन का विवाद बहुत पुराना रहा है.अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इजरायल और फिलीस्तीन के विवाद को लेकर कई बार कूटनीतिक प्रयास के माध्यम से शांति व्यवस्था बनाने का प्रयास किया है.इसमें अमेरिका के अलावा भारत की भी भूमिका महत्वपूर्ण रही है. भारत ने इसराइल पर हमास के हमले की कड़ी निंदा की है. सऊदी अरब में हिंसा तुरंत रोकने की अपील की है.
ISIS से तुलना क्यों की गई हमास की
इजराइल के ऊपर हमास के हमले से इस क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है. अमेरिका ने भी इजराइल को पूरा समर्थन देने की घोषणा की है.इसके अतिरिक्त भारत समेत कई देश भी इस हमले की निंदा करते हुए इजराइल के साथ खड़ा है. इजराइल ने समाज के खिलाफ सैन्य कार्रवाई शुरू कर दी है.1973 के बाद सबसे बड़ी सैनिक कार्रवाई हो रही है.इसमें 3 लाख से अधिक सैनिक लगे हुए हैं. इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि हमास इस्लामिक आतंकी संगठन ISIS के जैसा ही है. कई मुस्लिम देशों ने हमास के हमले की सराहना की है और उसको समर्थन देने की भी घोषणा की है. हमास चाहता है कि पूरी दुनिया में मुस्लिम धर्म की स्थापना हो.
इजराइल पर हमास ने बड़ा हमला क्यों किया है
इजराइल 1948 में अस्तित्व में आया. फिलिस्तीन और इजराइल के बीच विवाद बहुत पुराना है. गाजापट्टी और वेस्ट बैंक को लेकर हमेशा से विवाद रहा है. दोनों देश के बीच कई बार हिंसक झड़प या युद्ध हो चुके हैं. जिस प्रकार का हमला इजराइल पर हुआ है, वह बहुत ही गंभीर और चिंताजनक हैं. इस हमले का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है. हमास ने अभी भी कई सैन्य अधिकारियों समेत सैकड़ों लोगों को बंधक बना रखा है. उन्हें मारने की धमकी दे रहा है. इजराइल ने कड़े शब्दों में हम आज को चेतावनी दी है कि उसने युद्ध शुरू किया है तो इजराइल इसे समाप्त करेगा इसका अर्थ है कि एक बड़े युद्ध का संकेत है.
इजराइल के समर्थन में विश्व के अधिकांश देश
भारत ने इजराइल पर हमास के हमले को आतंकी घटना करार देते हुए इजराइल के समर्थन में खड़ा है. उधर फिलिस्तीन के हमास के समर्थन में कई मुस्लिम देश हैं. ईरान, दक्षिण अफ्रीका यमन जैसे देश ने इसराइल पर हमास के हमले की तारीफ की है. पाकिस्तान की तरफ से भी ऐसे ही कुछ शब्द आए हैं. इधर इजराइल ने दावा किया है कि विश्व के अधिकांश देशों ने उनका समर्थन किया है. अमेरिका के अतिरिक्त फ्रांस, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, यूरोपीय संघ के कई देशों ने हमास के हमले की निंदा करते हुए इजरायल के समर्थन में बयान जारी किया. अमेरिका ने सैन्य सहायता इजरायल को देने की घोषणा की है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन ने इजराइल को भरपूर सहायता देने की घोषणा की है. इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिका के प्रति आभार जताया है.