टीएनपी डेस्क(TNP DESK): एक पादरी ने एक बड़ा खुलासा किया है कि उत्तर भारत के 15 राज्यों में 3931 मिशनरी टीमें काम करती हैं. यह टीमें लोगों को कथित रूप से धर्मांतरित करने में लगी हुई हैं. लेकिन पादरी ने यह भी कहा है कि पिछले 9 साल में भारत में ईसाई मिशनरी के कामकाज में व्यवधान आया है.
जानिए पादरी ने और क्या-क्या खुलासा किया
पहले आप यह जानने कि यह पादरी कौन है.'चर्च ऑफ़ हाइलैंड्स' से जुड़ा इस पादरी का नाम क्रिस हॉजेज है. इसकी शाखाएं अलबामा और पश्चिमी जॉर्जिया में है. वैसे या पादरी बर्मिंघम में रहता है. उसने अपने यूट्यूब वीडियो में कई तरह के खुलासे किए हैं. पादरी का कहना है कि पिछले 9 साल में भारत में ईसाई मिशनरी का काम कठिन हुआ है. मोदी सरकार के प्रयास और आर एस एस की पहल से धर्मांतरण की कथित प्रक्रिया धीमी हुई है. उत्तर भारत के क्षेत्र में इसकी सक्रियता कम हुई है.
पादरी ने यह दावा किया है कि एक सप्ताह में 112224 लोगों को धर्मांतरित करके इसाई बनाया गया. पादरी ने इसका समय और तिथि नहीं बताया है. उसने कहा है कि किसी व्यक्ति पर शैतान होने का दावा कर उसे हटाने की प्रक्रिया कम शिक्षित लोगों के बीच बताकर ईसाई मिशनरी लोगों को धर्मांतरित कराते हैं. शैतान का डर लोगों को बहुत प्रभावित करता है और इससे छुटकारा दिलाकर पादरी उस गांव या व्यक्ति समूह का मसीहा बन जाता है.
और भी जानिए जरूरी बातें
ईसाई धर्म के पवित्र ग्रंथ बाइबल का विभिन्न भाषाओं में अनुवाद करने वाली संस्था अनफोल्डिंग वर्ल्ड के सीईओ डेविड रीव्स ने दावा किया है कि कोरोना काल में भारत में सबसे अधिक चर्च का निर्माण हुआ. जितना पिछले 25 साल में नहीं हुआ. उस तुलना में यह संख्या तुलनात्मक रूप से काफी अधिक है. हम आपको बता दें कि झारखंड समेत देश के कई राज्यों में ईसाई मिशनरियों पर लोगों को बरगला कर धर्म परिवर्तन का आरोप लगता रहा है.खासकर हिंदूवादी संगठन इस मामले में काफी एग्रेसिव रहे हैं.