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विशाखापट्टनम में दो दिनों से भूखे पेट रूम में बंद है झारखंड के 18 मज़दूर, कंपनी नहीं दे रही पैसा  

विशाखापट्टनम में दो दिनों से भूखे पेट रूम में बंद है झारखंड के 18 मज़दूर, कंपनी नहीं दे रही पैसा  

रांची(RANCHI) : झारखंड से मजदूर दूसरे राज्य पलायन कर जाते हैं. जिससे उनके घर की बदहाली दूर हो सके और दो वक्त की रोटी चैन सुकून से घर वाले को मिले. लेकिन झारखंड के मजदूरों का हाल बाहर में बद से बदतर है. काम करवाने के बाद पैसे तक नसीब नहीं हो रहे हैं. ऐसे में मजदूर भूखे घर में बंद होकर अपने दिन काट रहे हैं. एक ऐसी ही खबर झारखंड के 18 मजदूरों की विशाखापट्टनम से सामने आई है. जो मजदूर अब सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि उन्हें किसी तरह बचा लीजिए और उनके मेहनत का पैसा कंपनी से दिलवा दीजिए. 

बता दें कि आज से 3 महीने पहले झारखंड के पलामू और रांची के 18 मजदूरों को एक ठेकेदार विशाखापट्टनम लेकर गया. जिन्हें बताया गया कि उन्हें काम के बदले पैसे मिलेंगे और पेमेंट हर हफ्ता कर दिया जाएगा. लेकिन उन्हें खाने तक के पैसे नहीं दिए गए. पिछले डेढ़ माह से एक-एक पैसों को मजदूर तरस रहे हैं. 

मजदूर संजय कुमार बताते है कि एसएलसी ग्रुप जो तमिलनाडु की कंपनी है. उसमें काम करने के लिए 18 लोग एक साथ गए थे. जाने के बाद कुछ दिन पैसा मिला उसके बाद पैसा नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि यहां सिविल का काम चल रहा है. विशाखापट्टनम के रामबली इलाके में प्रोजेक्ट है जो जिला अंकपल्ली में आता है. यहां काम करने के बाद पैसे नहीं दिए जा रहे हैं कंपनी की ओर से डांट कर भगा दिया जाता है. 

पिछले दो दिनों से खाना भी नहीं खाया है. पैसा नहीं मिलने की वजह से दुकानदार ने राशन देना बंद कर दिया और जिनका भी पैसा बकाया था वह लोग आक्रामक होकर मारपीट करने पर उतारू है. ऐसे में सभी 18 मजदूर पिछले दो दिन से अपने कमरे में बंद है. अब झारखण्ड सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. 

धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि अब कर्ज वाले मोबाइल भी छीनने को बेताब है. उनका साफ कहना है कि पैसा दो या तो फिर तुम्हारा मोबाइल और जो समान है उसे बेचकर अपना पैसा चुकता करेंगे. सभी मजदूर याचिकापूर्ण इलाके में रहते हैं. अब झारखंड सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि उन्हें इस नरक वाली जिंदगी से निकले और उन्हें पैसे का भुगतान करवा दे. 

मजदूर जो फंसे हुए उनमें संजय कुमार रांची के पंडरा के रहने वाले हैं. वहीं धर्मेंद्र कुमार,अरविंद कुमार, रंजीत पासवान, रमेश, विजय , धनंजय ऋषि, नागेंद्र, वीरेंद्र कुमार, सुनील कुमार, नंदकिशोर, पवन कुमार,अनिल कुमार, अनिल, गोविंद, प्रदीप, संतोष कुमार, सत्येंद्र कुमार  सभी पलामू और गढ़वा के रहने वाले हैं. सभी मजदूरों का हाल बेहाल सा हो गया है. मजदूरों ने बताया कि झारखंड लेबर डिपार्टमेंट में भी कांटेक्ट किया गया था लेकिन कहीं से कोई सुनवाई नहीं हुई.

Published at:26 Aug 2025 07:20 AM (IST)
Tags:18 workers from Jharkhand are locked in a room in Visakhapatnam without food for two days company is not paying themPALAMU MAZDUR JHARKHAND NEWSJHARKHAND UPDATEJHARKHADN NEWSHEMATN SORENTRIBALVISHAKHAPATNAMJHAKRHAND NEWSMIGRATE LABOURJHAKRHAND MAZDUR
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