रांची (RANCHI) : समीर उरांव भारतीय जनता पार्टी के एक प्रमुख नेता हैं. वे झारखंड से राज्यसभा सांसद हैं और बीजेपी एसटी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं. इस बार भाजपा ने लोहरदगा लोकसभा क्षेत्र से तीन बार के सांसद सुदर्शन भगत का पत्ता काटकर समीर उरांव को उम्मीदवार बनाया है. इनका मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी सुखदेव भगत से होगा. वे 23 मार्च 2018 को राज्यसभा सदस्य चुने गए थे.
समीर उरांव का सियासी सफर
लोहदगा लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी समीर उरांव का जन्म 4 फरवरी 1970 को झारखंड में हुआ. 54 साल के समीर उरांव के पिता के नाम जोखना उरांव और माता का नाम बिप्तो उरांव है. उनकी पत्नी का नाम सुशीला उरांव है. उन्होंने 1992 में रांची के मारवाड़ी कॉलेज से 12वीं पास की है. समीर उरांव ने अपने राजनीतिक क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण काम किये. वे आदिवासी समुदाय के हित में काम करते आए हैं. बीजेपी नेता के कार्यों ने उन्हें आदिवासी समुदाय के लिए एक प्रमुख नेता बना दिया है. पूर्व में हिंदूवादी संगठनों से जुड़े रहे हैं. विकास भारती नामक स्वयंसेवी संस्था से भी उनका जुड़ाव रहा है. जिले के ग्रामीण सुदूर इलाके में निवास करने वाले जनजातीय समुदाय सहित अन्य लोगों की सेवा में उन्होंने अपना बहुमूल्य योगदान दिया, जिससे उनकी सामाजिक व राजनीतिक पहचना बनी. जिसके इनाम स्वरूप सिसई विधानसभा क्षेत्र से उन्हें विधानसभा का टिकट भाजपा से मिला और उन्हें जीत भी मिली. हालांकि उन्हें राजनीतिक जीवन में हार का भी मुंह देखना पड़ा. बाद में भाजपा ने समीर उरांव को बिशुनपुर विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया, लेकिन वे झामुमो नेता चमरा लिंडा को शिकस्त देने में कामयाब नहीं रहे. बाद में झारखंड से राज्यसभा सांसद चुने गए.
जमीन से जुड़े हुए नेता हैं समीर उरांव
राजनीति के क्षेत्र में समीर उरांव का लंबा अनुभव रहा है. वे जमीनी नेता रहे हैं. उनका जुड़ाव सदा ग्रामीणों से रहा है. वे अपने पुस्तैनी जमीन में हल चलाते हमेशा सुर्खियों में रहे हैं. समीर उरांव का विधायिकी का काल हो या राज्यसभा सांसद का वे हमेशा आदिवासियों के लिए काम करते रहे हैं. आदिवासियों के हितों की बात वे समाजसेवी के रूप में भी किया और जब राजनीतिक जिम्मेवारी मिली तब भी वे काम करते रहें. इसी का परिणाम है कि भाजपा ने उनके कामों को देखते हुए इसबार लोहरदगा लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया है.
समीर उरांव के पास कितनी है संपत्ति
बीजेपी उम्मीदवार समीर उरांव की संपत्ति 18,69,000 रुपए है. उनके ऊपर ऋण 4,57,683 रुपए है. वित्तीय वर्ष 2017-2018 में उनकी कुल आय 6,02,187 रुपए थी. अचल संपत्ति कुछ भी नहीं है. वहीं इनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं है. बता दें कि यह जानकारी उनके 2018 को घोषित हलफनामे के आधार पर दी गई है.
कांग्रेस और भाजपा के बीच होता आया है सीधा मुकाबला
बता दें कि लोहरदगा लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व है. यहां की कुल आबादी 18 लाख 68 हजार 433 है. वहीं 2019 के अनुसार कुल मतदाता 8 लाख 17 हजार 550 थे. इसके अलावा यहां पर एससी समुदाय 2.69 प्रतिशत, जबकि एसटी समुदाय की आबादी 64.04 प्रतिशत है. इस क्षेत्र में बेरोजगारी, सिंचाई की समस्या, किसानों की समस्या, महंगाई, भ्रष्टाचार मुख्य समस्या है. इस सीट पर 13 मई को लोकसभा चुनाव होना है. यहां से कांग्रेस ने सुखदेव भगत को टिकट दिया है. यहां का चुनाव परिणाम हमेशा ही चौंकाने वाला रहता है. यहां कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला होता आया है. इस बार भी कुछ वैसे ही हालात नजर आ रहे हैं. अब देखने वाली बात होगी कि 2024 के लोकसभा चुनाव में यहां से किसे जीत मिलेगी ये तो चुनाव परिणाम के बाद ही पता चलेगा.