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सम्राट चौधरी की ताजपोशी: किसके किले पर मंडराने लगा है खतरा, देखिये यह रिपोर्ट

सम्राट चौधरी की ताजपोशी: किसके किले पर मंडराने लगा है खतरा, देखिये यह रिपोर्ट

पटना(PATNA)- बिहार की राजनीति में सभी कयासों को विराम देते हुए भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष के पद पर सम्राट चौधरी की ताजपोशी करने का फैसला किया है. इसके पहले माना जा रहा था कि नित्यानंद राय को यह जिम्मेवारी दी जा सकती है, लेकिन एन वक्त पर भाजपा ने अपने सभी पुराने चेहरे को दरकिनार कर सम्राट चौधरी पर भरोसा जताया.

 सामाजिक न्याय के झंडाबरदार के जिम्मे दक्षिणपंथ की राजनीति

यहां हम बता दें कि सम्राट चौधरी की राजनीतिक शुरुआत राजद के सामाजिक न्याय के साथ हुई है, तब वे दलित-पिछड़ों के राजनीतिक सामाजिक हक-हकूक की नारेबाजी करते थें. लेकिन राजनीति का पहिया बदला और अब वह दक्षिणपंथी राजनीति का प्रमुख चेहरा बन कर सामने आये हैं.

सम्राट चौधरी के कंधों पर होगी लव कुश समीकरण को ध्वस्त करने की जिम्मेवारी

लेकिन उनके कंधों पर एक बड़ी जिम्मेवारी भी है, वह जिम्मेवारी है सीएम नीतीश के किले को ध्वस्त करने की, नित्यानंद राय यहीं चुक गये थें, अपनी तमाम कोशिशों के बाद भी वह राजद के यादव वोट बैंक में सेंधमारी करने में असफल रहें. राजद का किला ध्वस्त नहीं कर पाना उनकी राजनीतिक विफलता मानी गयी. बिहार की राजनीति में यादव मतदातओं ने एक स्वर में राजद को अपनी पार्टी और तेजस्वी यादव को नेता माना. राजद के किले को धवस्त करने में मिली राजनीतिक निराशा के बाद भाजपा ने लव-कुश पर निशाना साधा है.  

याद रहे कि सम्राट चौधरी बिहार की राजनीति का एक बड़ा चेहरा और लव कुश  की राजनीति करने वाले शकुनी चौधरी के पुत्र है. साफ है कि भाजपा की कोशिश सम्राट चौधऱी को आगे कर नीतीश कुमार के लव-कुश समीकरण को ध्वस्त करने की है.

यहां हम बता दें कि जिस प्रकार यादव मतदाताओं ने एक स्वर से तेजस्वी को अपना नेता माना, वह राजनीतिक प्रतिबद्धता लव-कुश मतदाताओं में देखने को नहीं मिलती. कई बार लव कुश समीकरण में बिखराव देखने को मिला है.

लव-कुश की राजनीति पर नीतीश की पकड़ से इंकार नहीं किया जा सकता

हालांकि यह भी सत्य है कि आज भी लव कुश समीकरण पर नीतीश कुमार का बड़ा दावा है, जदयू के पास कुशवाहा नेताओं की कोई कमी भी नहीं है, उसके पास एक से बढ़कर एक चेहरे हैं. इसके साथ ही अति पिछड़ी जातियों का विश्वास भी नीतीश कुमार कायम रहा है. लेकिन सम्राट चौधरी के सामने आने के बाद लव-कुश की सियासत में बदला देखा जा सकता है.

हालांकि यह कितना कामयाब रहता है, यह तो भविष्य की राजनीति और भाजपा का अन्दरुनी संघर्ष के बाद तय होगा. क्योंकि सत्ता के लिए संघर्ष करती भाजपा के अन्दर फिलहाल कई गुट हैं, हर गुट दूसरे  को पटकनी देने की फिराक में है, खुद नित्यानंद राय भी सम्राट चौधरी को किस सीमा तक साथ देंगे यह भी एक बड़ा सवाल है.

लेकिन इतना तो कहा ही जा सकता है कि भाजपा ने सम्राट चौधऱी को आगे कर नीतीश कुमार के लव कुश समीकरण को ध्वस्त करने की राजनीति प्रयोग की शुरुआत कर दी है.   

Published at:24 Mar 2023 11:56 AM (IST)
Tags:Emperor Chaudhary's coronation samart Choudhari Bihar Lav kush Samikaran Bihar politcs सीएम नीतीश
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