Patna- कभी अपने आप को प्रधानमंत्री मोदी का हनुमान बताने वाले चिराग पासवान की भाषा कुछ बदली-बदली सी नजर आ रही है, एक अर्से बाद उन्हे फिर से इस बात की याद आयी है कि दिल्ली में उनके पिता की तस्वीर को उछाला गया था, बाबा साहेब की मूर्ति को रौंदा गया था, बड़ी ही बेआवरु कर उनका बंगला खाली करवाया गया था.
राजद के साथ चिराग की नजदीकियां बढ़ने के संकेत
खबर यह भी है कि राजद के साथ चिराग की नजदीकियां बढ़ रही है. हालांकि चिराग पासवान इस मुद्दे पर अभी अपना पत्ता खोलने को तैयार नहीं है, लेकिन उनके हालिया बयानों से इसकी झलक देखने को मिल रही है.
सम्राट चौधरी के आगे करते ही झिटकने लगे सहयोगी
बिहार की राजनीति पर पैनी नजर रखने वाले राजनीतिक पंडितों का आकलन है कि भाजपा ने जिस प्रकार सम्राट चौधरी को आगे किया, उन्हे प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेवारी से नवाजा गया, उससे चिराग के अन्दर की बेचैनी बढ़ी है. चिराग का अपना राजनीतिक आकलन यह था कि जिस तरह से कभी भाजपा ने नीतीश कुमार को आगे कर बिहार की राजनीति को साधा था, वही गलती भाजपा एक बार फिर से दुहरायेगी, लेकिन नीतीश प्रकरण के बाद भाजपा को इस बात का ज्ञान हो चुका है कि यदि बिहार की राजनीति में उसे लम्बे वक्त तक बना रहना है तो उसे अपनी राजनीति अपने बुते करनी होगी, और यहीं से चिराग की राजनीति को धक्का लगा. क्योंकि उनके अन्दर तो सीएम बनने की महत्वकांशाएं हिलोरे मार रही थी.
सम्राट का व्रजपात सिर्फ चिराग पर नहीं, उपेन्द्र कुशवाहा को भी लगा है झटका
यहां यह भी बता दें कि सम्राट चौधरी को आगे करने से सकते में सिर्फ चिराग नहीं है, इसका व्रजपात उपेन्द्र कुशवाहा की राजनीतिक महत्वकांशा पर भी हुआ है. उपेन्द्र कुशवाहा का भी यही आकलन था कि बिहार में कमजोर पड़ी भाजपा उनको आगे कर ही अपनी राजनीति करेगी, इन दोनों के द्वारा इसे बिहार में भाजपा की कमजोरी मानी जा रही थी, लेकिन भाजपा ने इन सभी राजनीतिक धुरंधरों के राजनीतिक महात्वाकांशा पर पानी फेर दिया.
आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति में हो सकता है बड़ा उलटफेर
माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर हो सकता है, इस सब कुछ के पीछे सिर्फ एक ही वजह है, वह है सम्राट चौधरी की ताजपोशी. इसका असर सिर्फ भाजपा के बाहर के दलों पर ही नहीं पड़ा है, बल्कि भाजपा के अन्दर भी एक खेमें में बड़ी बेचैनी है. यही कारण है कि बिहार के सियासी गलियारों में इस समय कयासों का दौर गर्म है.