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अमित शाह की दो टूक, नीतीश के लिए एनडीए का दरवाजा हमेशा के लिए बंद, इधर लालू की हुंकार यह दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे, समझिये, इन दोनों बयानों की रणनीति और उसके संकेत

अमित शाह की दो टूक, नीतीश के लिए एनडीए का दरवाजा हमेशा के लिए बंद, इधर लालू की हुंकार यह दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे, समझिये, इन दोनों बयानों की रणनीति और उसके संकेत

पटना(PATNA) आज बिहार की राजनीति में दिन भर सरगर्मी बनी रही, एक तरफ पूर्णिया की रंगभूमि मैदान से महागठबंधन के नेता विपक्षी एकता की हुंकार लगा रहे थें, तो उसके करीबन चार सौ किलोमीटर की दूरी पर खड़ा अमित शाह पश्चिम चंपारण से भाजपा की जमीन तलाश कर रहे थें.

भाजपा के सामने अपनी जमीन की तलाश करने की बेचैनी

नीतीश कुमार के द्वारा एनडीए से अपना रास्ता कूच करने के बाद भाजपा के सामने अपनी जमीन की तलाश करने की बेचैनी है, उसकी रणनीति छोटे-छोटे दलों को अपने साथ खड़ा कर 2024 लोकसभा चुनाव में 2019 के अपने प्रर्दशन को दुहराने की है. इधर महागठबंधन का दावा भाजपा को एक से दो सीटों पर सिमटाने की है.

रंगभूमि की सियासत

रंगभूमि मैदान में अपनी ताकत का प्रर्दशन करते हुए नीतीश ने एक बार फिर से अपने उस दावे को दुहराया है कि यदि विपक्ष एकजुट रहा तो भाजपा के सामने सत्ता में आने की नहीं, किसी प्रकार सौ का आंकड़ा छूने की चुनौती होगी.

छोटे-छोटे दलों की दुविधा को दूर करने की कोशिश

इस बीच अमित शाह ने यह साफ कर दिया है कि नीतीश कुमार के लिए एनडीए के दरवाजे सदा-सदा के लिए बंद हो चुके हैं, उनका चैप्टर समाप्त हो चुका है, अब किसी भी हालत में एनडीए में नीतीश कुमार की वापसी की कोई गुंजाइश नहीं बची है.

माना जाता है कि नीतीश के लिए एनडीए के दरवाजे बंद होने की घोषणा कर अमित शाह उन छोटे-छोटे दलों की उस दुविधा को दूर करने की कोशिश कर रहे थें, जो इन दलों के अन्दर बनी रहती है. इन दलों के अन्दर एक चिंता रहती है कि पता नहीं कब नीतीश कुमार एक और पलटी मारे और उनकी पूछ एनडीए गठबंधन में एक बार फिर से सीमित होकर रह जाय.

इसी दुविधा के शिकार थें चिराग पासवान

चिराग पासवान और उपेन्द्र कुशवाहा को भी इन चुनौतियों का सामना करना पड़ा था. बहुत संभव है कि यही चिंता जीतन राम मांझी के अंदर भी हो, क्योंकि हाल के दिनों में वह भी नीतीश कुमार के कथित सुशासन के मॉडल पर सवालिया निशान लगाते रहे हैं. लेकिन बावजूद इसके वह रंगभूमि मैदान में नीतीश कुमार के साथ खड़े थें.

 राजद नेताओं को लालू का संदेश

लेकिन इस रंगभूमि के मैदान से लालू यादव ने भी यह साफ कर दिया है कि पहले चाहे जो कुछ भी हुआ हो, इस बार उनकी और नीतीश की दोस्ती टूटने वाली नहीं है, अब इस दोस्ती में कोई दरार डालने में कामयाब नहीं होने वाला है, लालू यादव ने यह बयान देकर राजद के अन्दर उन लोगों को सचेत कर दिया है कि उन्हे अब कौन सी पार्टी लाईन लेनी है.

राजद नेताओं के बयान से असहज होते रहे हैं नीतीश

यहां बता दें कि राजद के ही सुधाकर सिंह और कुछ दूसरे नेताओं द्वारा सीएम नीतीश पर प्रहार किया जाता रहा है, इन बयानों से नीतीश कुमार के सामने  कई बार असहज स्थिति पैदा हुई है. अब जब लालू यादव ने इस दोस्ती को अटूट करार दे दिया है, इन नेताओं बयान देने के पहले काफी सोचना होगा, यह उनके लिए साफ राजनीतिक संकेत है, कि वह या तो नीतीश कुमार को स्वीकार करें या अपना रास्ता चुनें.   

Published at:25 Feb 2023 07:26 PM (IST)
Tags:Nitish kumar Lalu yadav mahagathbandhan purniya Rjd Jdu Lojpa
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