Valentine's Day Special: कहा जाता है प्यार एक खूबसूरत एहसास है जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. आज वेलेंटाइन डे यानि प्यार के इजहार का दिन है और ऐसे मौके पर प्यार की बातें लाजमी है. लैला मजनू, हीर रांझा जैसे किरदार की अमर प्रेम कहानी को केंद्रित कर बॉलीवुड में कई फिल्में बनी. लेकिन आज भी कई ऐसे गुमनाम प्रेमी है जिसकी अमर प्रेम कहानी को उचित स्थान नहीं मिला. हम बात कर रहे है झारखंड के एक चरवाहा और ब्रिटिश अधिकारी की बेटी की अमर प्रेम कहानी की. नेतरहाट की वादियां आज भी दोनों की प्रेम कहानी का गवाह है.
नेचर हार्ट का अपभ्रंश है नेतरहाट, जिसे कहा जाता है छोटानागपुर की रानी
झारखंड के लातेहार में एक जगह है नेतरहाट, जिसे छोटानागपुर की रानी के नाम से जाना जाता है. बंगाल से अलग बिहार राज्य बना तो वर्तमान झारखंड संयुक्त बिहार का हिस्सा था. उस वक्त ब्रिटिश अधिकारी ऐसे जगह की तलाश करते थे जहां का मौसम उन्हें ब्रिटेन का एहसास करा सके. 1915 के करीब नेतरहाट पहुंचकर बिहार के तत्कालीन लेफ्टिनेंट जनरल सर एडवर्ट गेट की तलाश पूरी हुई. खूबसूरत वादियों और अनुकूल मौसम के कारण सर एडवर्ट गेट यहां रहने का निर्णय लिया. ब्रिटिश अधिकारी द्वारा इस स्थान को नेचर हार्ट नाम दिया गया था. समय के साथ नेचर हार्ट नेतरहाट कहलाने लगा.
बांसुरी की धुन सुन चरवाहे को दिल दे बैठी मैगनोलिया
कहा जाता है कि सर एडवर्ट गेट अपनी पत्नी और बेटी मैगनोलिया के साथ नेतरहाट पहुंचे थे. बेटी मैगनोलिया नेतरहाट की खूबसूरत वादियों में घुड़सवारी किया करती थी. इसी दौरान वह एक ऐसे स्थान पर पहुंची जहां से सनसेट का नजारा अद्भुत था. मैग्नोलिया अद्भुत नजारे का दीदार कर रही थी तभी उसकी कानों में बांसुरी की मधुर धुन सुनाई पड़ी. उसकी नजर एक चरवाहे पर पड़ी जो बांसुरी बजा रहा था. वह बांसुरी की मधुर धुन की दीवानी हो गई. प्रत्येक शाम मैगनोलिया बांसुरी की धुन सुनने उस प्वाइंट पर पहुंच जाती थी. धीरे धीरे चरवाहे और ब्रिटिश अधिकारी की बेटी की दोस्ती हुई जो प्यार में बदल गया.
ब्रिटिश अधिकारी को नागवार गुजरा बेटी का चरवाहे के साथ प्रेम करना, करवा दी चरवाहे की हत्या
बेटी का चरवाहे के साथ प्यार करना पिता सर एडवर्ट गेट को नागवार गुजरा. कहा जाता है कि पहले मैग्नोलिया फिर चरवाहे को समझाने का हर संभव प्रयास किया गया. लेकिन दोनों में से कोई मानने के लिए तैयार नहीं हुए. आखिरकार ब्रिटिश अधिकारी ने चरवाहे को उस स्थान से घाटी में फेंकवा दिया जहां बैठ कर वह बांसुरी बजाता था. इसकी जानकारी मैगनोलिया को नहीं थी. वह अपने प्यार से मिलने सनसेट प्वाइंट पर पहुंची लेकिन वहां न तो चरवाहा मिला और न उसकी बांसुरी की मधुर धुन. प्यार में पागल मैगनोलिया नेतरहाट की वादियां में अपने प्यार को ढूंढती रही.
सच्चाई जान मैगनोलिया भी घोड़े के साथ घाटी में लगा दी छलांग
कहा जाता है कि जब मैगनोलिया को सच्चाई का पता चला तो वह घोड़े पर सवार होकर उस स्थान पर पहुंची जहां से चरवाहा को खाई में फेंका गया था. उस स्थान पर पहुंच कर मैगनोलिया घोड़े के साथ खाई में छलांग लगा दी जिससे उसकी मौत हो गई. मैगनोलिया जीते जी साथ नहीं रह पाई लेकिन साथ रहने के लिए मौत को गले लगा ली. इस तरह एक चरवाहा और ब्रिटिश अधिकारी की प्रेम कहानी अमर हो गई.आज वह स्थल नेतरहाट का सनसेट प्वाइंट है जिसे मैग्नोलिया प्वाइंट के नाम से जाना जाता है.
मैगनोलिया सन सेट प्वाइंट पर आते है पर्यटक
आज नेतरहाट झारखंड का प्रमुख पर्यटन स्थल है. नेतरहाट आने वाले पर्यटक मैगनोलिया प्वाइंट पहुंच कर सनसेट के मनमोहक नजारा को कमरे में कैद करना नहीं भूलते. जिला प्रशासन द्वारा इस स्थल को विकसित किया गया है. चरवाहे के साथ मैगनोलिया की प्रतिमा बनाई गई है.
जिला प्रशासन द्वारा विकसित किया गया है मैग्नोलिया प्वाइंट को
एक शिलापट पर लिखा गया है कि मैगनोलिया सनसेट पॉइंट प्रेम और विरह की अनोखी दास्तान बयां करता है. कहते हैं कि इसी जगह कुमारी मैगनोलिया ने स्थानीय चरवाहे के विरह में अपने घोड़े सहित घाटी की असीम गहराइयों में चलांग लगाकर अपनी जान दे दी. इस स्थल से अस्ताचलगामी सूर्य नैयनाभिराम दृश्य प्रस्तुत करता है.
रिपोर्ट: पंचम झा