दुमका(DUMKA): राज्य सरकार के 3 साल पूरे हो गए है. कल से ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. सभी अपना-अपना राग अलापने में लगी है. सत्ता पक्ष एक तरफ जहां 3 वर्षों के कार्यकाल की अपनी उपलब्धि गिनाने में लगी है. वहीं, विपक्षी पार्टियां सरकार को हर मोर्चे पर विफल साबित करने पर तुली है, सभी के अपने-अपने दावे है. इसके बीच आज दुमका परिसदन में सांसद सुनील सोरेन ने प्रेस वार्ता की. प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने तीन वर्षों के राज्य सरकार के कार्यकाल को हर मोर्चे पर विफल करार दिया.
हेमंत सरकार, किसान, युवा और आदिवासी विरोधी : सांसद
सांसद ने सरकार को किसान विरोधी, युवा विरोधी, आदिवासी, दलित औऱ महिला विरोधी करार दिया. उन्होंने कहा कि समय पर धान क्रय केंद्र नहीं खुलने से किसानों को उचित दाम नहीं मिला. सरकार ने ट्राईवल एडवाइजरी कमेटी को विवादित बना दिया. नगर निकाय चुनाव में मेयर पद को आरक्षित करने में आदिवासी और दलित को लड़ाने का काम किया. उन्होंने कहा कि राज्य में सीएनटी और एसपीटी एक्ट का सबसे ज्यादा उल्लंघन अगर किसी ने किया है तो वह है शिबू सोरेन और उनका परिवार. उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के पूर्व झामुमो ने युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था लेकिन अपने 3 वर्षों के कार्यकाल में वर्तमान राज्य सरकार ने युवाओं को रोजगार देने के बजाय उन्हें बेरोजगार बनाने का काम किया. पूरे राज्य में विधि व्यवस्था चौपट है. महिलाएं ना घर के अंदर सुरक्षित है ना घर के बाहर. संथाल परगना प्रमंडल की कुछ घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कानून व्यवस्था के नाम पर सरकार को विफल करार दिया. उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ लूटने में लगी है. जनता से सरकार को कोई लेना देना नहीं. ट्रांसफर पोस्टिंग उद्योग का रूप ले लिया है. सांसद ने सरकार पर यह भी आरोप लगाया है कि वर्तमान राज्य सरकार ने केंद्र सरकार की योजनाओं को शिथिल कर दिया है.
कृषि मंत्री ने सांसद के बयान पर किया पलटवार
वहीं, भाजपा के इन आरोपों पर कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने पलटवार किया है. जिस परिसदन में सांसद सुनील सोरेन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार को हर मोर्चे पर विफल करार दिया था उसी परिसदन में कृषि मंत्री बादल पत्रलेख भी ठहरे हुए हैं. बीजेपी के सवाल पर जब कृषि मंत्री से पूछा गया तो उन्होंने विपक्षी पार्टी पर पलटवार किया. मंत्री ने कहा कि विपक्षी पार्टियों की भी जवाबदेही है, उनकी भी जिम्मेदारी है. उनसे हम सहयोग की उम्मीद करते हैं. कहां तक उन्होंने सहयोग किया वह बताएं. हमने कुछ करने का सोचा तो विपक्षी पार्टियां बैक डोर से नियंत्रित करने का प्रयास करती है. विचलित करने का प्रयास करती है, कीजिए जनता सब देख रही है. उन्होंने कहा कि अगर सभी लोगों को पेंशन देकर भी हम विफल हैं, मुफ्त बिजली देकर विफल हैं. राज्य बनने के बाद कई बार राज्य सुखाड़ की चपेट में आया पहली बार राज्य की निधि से जीआर रिलीफ मिला फिर भी हम विफल हैं. पहली बार किसानों का कर्ज माफ कर अगर हम विफल हैं तो हैं. उन्होंने कहा कि हम घबराते नहीं हैं क्योंकि विफलता में ही सफलता छुपी है.
चुनाव में जनता बतायेगी कौन सच्चा कौन झूठा
भारत जैसे प्रजातांत्रिक देश में सभी दलों को अपनी-अपनी बातें रखने की आजादी है. सभी दल अपने-अपने तरीके से अपनी बातें जनता के सामने रखती है. सरकार के 5 वर्षों के कार्यकाल की समीक्षा जनता करती है. सरकार हर मोर्चे पर विफल रही या सफल यह आगामी विधानसभा चुनाव परिणाम बताएगी. वैसे आरोप और प्रत्यारोप का दौर अभी शुरू हुआ है. आने वाले वर्षों में चुनाव है. चुनाव की तारीख जब नजदीक आएगी आरोप और प्रत्यारोप का दौर और तेज होगा, लेकिन इस सब के बीच यह पब्लिक है सब जानती है.
रिपोर्ट : पंचम झा, दुमका