टीएनपी डेस्क(TNP DESK): लोकसभा में आज यानी शुक्रवार को भारत में खेलों को बढ़ावा देने, प्रोत्साहित करने और सरकार द्वारा खेलों के विकास के लिए किए जा रहे कार्यों पर विशेष चर्चा हुई. नियम 193 के तहत हुई इस विशेष चर्चा में रांची के सांसद संजय सेठ ने भी भाग लिया.
खिलाड़ियों से प्रधानमंत्री करते हैं सीधा संवाद : सेठ
दरअसल, सांसद ने लोकसभा में चर्चा के दौरान कहा कि झारखंड खिलाड़ियों की बड़ी पौधशाला रही है. यह सौभाग्य है इस देश का कि चाहे खिलाड़ी मैच जीतकर आया या मैच हारकर आया, हर किसी से प्रधानमंत्री सीधा संवाद करते हैं, उनका हौसला बढ़ाते हैं, उनका उत्साह बढ़ाने का काम करते हैं. सांसद संजय सेठ ने कहा कि इसी का परिणाम रहा कि देश में जितने भी प्रतियोगिताएं हुई, अंतरराष्ट्रीय स्तर की जितने भी प्रतियोगिताएं हुई, उन सब में झारखंड के खिलाड़ियों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
खिलाड़ियों ने हमें गौरव का एहसास कराया : सेठ
उन्होंने कहा कि कबड्डी, हॉकी, फुटबॉल, क्रिकेट सहित कई महत्वपूर्ण खेलों में झारखंड के बच्चों ने जो प्रदर्शन किया है, वह हम सबको गौरवान्वित करने वाला है. सांसद ने चर्चा के दौरान झारखंड के कई खिलाड़ियों का नाम लेते हुए कहा कि खिलाड़ियों ने हमें गौरव का एहसास कई बार कराने का काम किया है.
राज्य के खिलाड़ियों को नहीं मिला ट्रेकशूट
उन्होंने कहा कि हमारे बच्चों ने जो करके दिखाया है, उसके बदले में उन्हें झारखंड सरकार सिर्फ आश्वासन देते रही है. परिणाम यह रहा कि राष्ट्रीय खेल जब गुजरात में हो रहे थे, तब हमारे खिलाड़ियों को ना तो ट्रैकसूट मिल सका, ना तो किट मिल सका और ना तो कोई बेहतर संसाधन उपलब्ध हो सका. इस चर्चा के दौरान सांसद ने केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर की तारीफ की और कहा कि ऐसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी चाहे, जिस राज्य में भी रहते हैं, उन सब का डेटाबेस भारत सरकार को तैयार करना चाहिए और भारत सरकार खुद अपनी निगरानी में उन्हें हर सुविधाएं हर संसाधन मुहैया कराए.
राज्य सरकार मूक दर्शक बनी हुई : सेठ
सांसद ने कहा कि काबिल/योग्य प्रशिक्षक के अभाव में राज्य सरकार और CCL के सहयोग से चल रही जेएसएसपीस झारखंड राज्य खेल प्रोत्साहन सोसायटी के प्रशिक्षुओं का भविष्य खतरे में है. कई प्रशिक्षु संस्था छोड़कर बाहर प्रशिक्षण ले रहे हैं. राज्य सरकार मूक दर्शक बनी हुई है, इस मामले में सरकार को हस्तक्षेप करने की आवश्यकता है. साथ ही मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के संसाधनों का सदुपयोग करते हुए विभिन्न खेल के राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन रांची में हो, इस दिशा में ठोस पहल हो, इससे राज्य के युवा खिलाड़ियों का फायदा होगा.
रांची में राष्ट्रीय स्तर का खेल विश्वविद्यालय खोला जाए
वहीं, सांसद ने केंद्र सरकार से मांग की कि करोड़ों की लागत से रांची में खेलगांव बनाया गया है, जो पूरी तरह से उपयोग में नहीं आ रहा है. यहां राष्ट्रीय स्तर का खेल विश्वविद्यालय खोला जाए. खेल के बेहतर प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए ताकि हमारे देश के खिलाड़ी देश का परचम पूरी दुनिया में लहरा सकें.