धनबाद(DHANBAD): धनबाद की झरिया में एक अजीबोगरीब ठगी हुई है. ठगी एक दो लोगों से नहीं बल्कि एक साथ 70 लोगों से हुई है. ठगी की रकम 100 करोड़ के आसपास बताया गया है. ठगी का आरोप गुजरात की एक ट्रांसपोर्ट कंपनी पर लगा है. वाहन के साथ कंपनी फरार हो गई है.लोगों को ठगी का तब जानकारी मिली, जब बैंक ने उनसे तगादा शुरू किया. पीड़ित लोग गुजरात से लेकर बैंक और पुलिस का चक्कर लगा रहे हैं.
70 लोगों के नाम से 200 वाहन फाइनेंस कराए गए
जानकारी निकाल कर आई है कि मंगलवार को दो दर्जन से अधिक पीड़ित झरिया थाना पहुंचे और पुलिस को ठगी की पूरी कहानी बताई. झरिया के रहने वाले लोगों ने पुलिस को बताया कि करीब 7 महीना पहले गुजरात की ट्रांसपोर्ट कंपनी के कुछ लोग प्रतिनिधि बनकर उनसे संपर्क किया था. कंपनी के नाम पर उक्त लोगों से आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक का पासबुक आदि ले लिए गए और विभिन्न बैंकों से उन लोगों के नाम पर वाहन फाइनेंस कराए गए. कंपनी ने उन लोगों के साथ इकरारनामा भी किया था. कहा था की वाहन का किस्त कंपनी जमा करेगी. कमाई का शेष राशि आप लोगों के बैंक खाते में प्रत्येक महीने भेज दी जाएगी. 3 महीने तक तो राशि मिली लेकिन उसके बाद राशि मिलनी बंद हो गई. ठगाए लोगों ने बताया कि उनसे कहा गया था कि गुजरात की एक कंपनी को वाहन की जरूरत है. कंपनी ही गाड़ियों की किस्त बैंक में जमा करेगी. साथ ही वाहन मालिकों को राशि भी देगी. इस लालच में आकर लोग फंस गए. लगभग 70 लोगों के नाम से 200 वाहन फाइनेंस कराए गए. वाहनों में हाईवा,जेसीबी, हॉलपैक,थार, स्कॉर्पियो सहित कई भारी गाड़ियां शामिल हैं. ठगाए लोगों में सिर्फ झरिया के ही नहीं बल्कि गिरिडीह और बोकारो के लोग भी शामिल हैं.
गुजरात की कंपनी ने की ठगी
दरअसल, बैंक का तीन किस्त बकाया हो जाने पर उन लोगों के पास नोटिस आने लगा. इसके बाद वह लोग गुजरात गए. गुजरात में कंपनी ने अच्छा व्यवहार नहीं किया और एक भी पैसा भी नहीं दिया. लोग यह भी बताते हैं कि इस पूरे ठगी प्रकरण का मास्टरमाइंड लोकल व्यक्ति ही है. हालांकि लोगों ने अभी पुलिस में लिखित शिकायत नहीं की है. उन्हें भरोसा है कि उनकी राशि मिलेगी. लेकिन कोयलांचल में यह नए तरह की ठगी है. बताया जाता है कि ठगाए लोगों को कंपनी के प्रतिनिधि ने बताया था कि कंपनी को वाहनों की जरूरत है. आप लोग अपने नाम पर वाहन फाइनेंस करा कर कंपनी में दे .कंपनी वाहन की किस्त जमा करेगी और मेंटेनेंस भी करेगी. इसके अलावा मालिकों को प्रति महीने ₹5000 देगी. लालच में सभी ने अपना आधार, पैन कार्ड व पासबुक दे दिया. इसके बाद झारखंड के विभिन्न बैंकों व फाइनेंस कंपनियों से उनके नाम पर वाहन फाइनेंस कराए गए.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो