दुमका(DUMKA):वर्तमान समय में ठगी के नित नए कारनामे सामने आ रहे हैं. ऑन लाइन साइबर ठगी करने वाले साइबर ठग पुलिस और पब्लिक दोनों के लिए सिरदर्द बन गए हैं. सूचना क्रांति के इस दौर में ऑनलाइन ठगी से लेकर ऑफलाइन ठगी का धंधा परवान चढ़ा हुआ है. ताजा मामला दुमका जिला से सामने आया है. जहां महज एक हजार रुपए लेकर रेलवे के ग्रुप डी में बेरोजगार युवाओं को नौकरी का भरोशा दिया जा रहा था.
रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर की जा रही थी ठगी
दरअसल शुक्रवार को एसपी पीताम्बर सिंह खेरवार को सूचना मिली कि मिनी बस स्टैंड में युवाओं से एक-एक हजार रुपये लेकर रेलवे के ग्रुप डी में नौकरी का आश्वासन दिया जा रहा है. सूचना मिलते ही एसडीपीओ के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया. नगर थाना की पुलिस मामले की जांच के लिए जब मिनी बस स्टैंड पहुचीं, तो वहां एक महिला ओर से बेरोजगार युवाओं से रुपए की वसूली की जा रही थी. पुलिस भारती टुडू नाम की उस महिला को हिरासत में लेकर थाना पहुंची. उसके पास से कुल 6 हजार रुपये नकद और पूर्वी रेलवे का एक टाइप किया हुआ कागज भी बरामद किया गया.
पुलिस ने एक्शन लेते हुए 2 शातिर ठग को दबोचा
वही पूछताछ के दौरान उसने अपना घर जामताड़ा जिला का करमाटांड़ बताया. महिला ने यह भी खुलासा किया कि जामताड़ा जिला के बिन्दापाथर थाना के पातुलिया निवासी मंटू कोल के निर्देश पर वो ऐसा कर रही है. एकत्रित राशि मंटू कोल को पहुंचाती है. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मंटू कोल को भी उसके घर से गिरफ्तार कर लिया.
जाने एसडीपीओ नूर मुस्तफा अंसारी ने क्या कहा
प्रेसवार्ता में एसडीपीओ नूर मुस्तफा अंसारी ने बताया कि इस गिरोह की ओर से दुमका जिला से लगभग 15 से 20 लोगों से ठगी की गई है. गिरोह का नेटवर्क पूरे संथाल परगना प्रमंडल में फैला हुआ है, जो बेरोजगार युवाओं को नौकरी का प्रलोभन देकर अपने गिरफ्त में लेता है और उससे मोटी रकम वसूलता है.
रिपोर्ट-पंचम झा