धनबाद (DHANBAD) : विश्व विख्यात देश के उद्योगपति गौतम अडानी मंगलवार को 5 घंटे तक धनबाद में रहे. धनबाद के साथ झारखंड के भविष्य को भी उन्होंने उज्जवल बताया. धनबाद में निवेश की संभावनाओं से भी उन्होंने स्पष्ट इनकार नहीं किया. उन्होंने धनबाद की धरती को विशेष रूप से प्रणाम किया और कहा कि एक सदी पहले ब्रिटिश शासन के दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को खनन और भूविज्ञान में सक्षम बनाने के लिए आईएसएम की परिकल्पना की थी. आईआईटी (आईएसएम) धनबाद की स्थापना राष्ट्रीय दूरदर्शिता का उदाहरण है.
पहचान किसी से मत मांगो, अपनी पहचान खुद बनाओ, फिर -
अगर भारत को अपनी तकदीर सावरनी है, तो उसे अपनी धरती की ताकत को समझना होगा. अडानी ने छात्रों से आह्वान किया कि दुनिया के सारे डेटा को सच नहीं मानो. सवाल करो- सिर्फ उनका कोड मत पढ़ो, अपना कोड खुद लिखो ,पहचान उनसे मत मांगो, अपनी पहचान खुद बनाओ, क्योंकि राष्ट्र आदेश मानकर नहीं बनते है. अपनी गाथा खुद लिखकर बनते है. उन्होंने यह भी कहा कि इतिहास मत भूलो, भविष्य सौंपा नहीं जाता, कमाया जाता है. जो तुम निर्माण करोगे, वही राष्ट्र की दिशा तय करेगा.
सफलता दी नहीं जाती, बल्कि खदान की तरह निकाली जाती
छात्रों से कहा कि सफलता दी नहीं जाती, बल्कि खदान की तरह निकाली जाती है. जो तुम बनोगे, वही हमारा भारत बनेगा, वहीं भारत का आत्म सम्मान होगा. गौतम अडानी ने कहा कि जो हक हम नहीं मांगेंगे, वह हमसे छीना जाएगा, जो कहानी हम नहीं लिखेंगे, वह हमारे खिलाफ लिखी जाएगी. इसी मिट्टी में छिपा है, भारत का आने वाला उजाला. जो धरती को पढ़ ले, वही है असली रखवाला, जिनके हाथों में मिट्टी है, वही भविष्य गढ़ते है. जो चुनौतियों से नहीं डरते, वही इतिहास बदलते है. अंगार किसी और ने फूंका, पर बुझाने हमें पुकारा गया, जो चिंगारी हमारी न थी, उसकी राख भी हमें ही सहनी पड़ी. जब हौसला ईमान बन जाए तो फतह भी झुक जाती है. सफर उसी का कहलाता है, जो राह चल कर दिखाते है.
आलोचना वह शोर है, जो दर्शक करते हैं, सफलता वह गूंज
आलोचना वह शोर है, जो दर्शक करते हैं, सफलता वह गूंज है, जो कर्मवीर रचते है . जिनके हाथों में मिट्टी है, वही भविष्य बनाते है. जो चुनौतियों से नहीं डरते, वही इतिहास बदलते है. यह युग तुम्हारा, यह रण तुम्हारा, हर चुनौती तुम्हारी, हर शिखर तुम्हारा. तुम भी बनोगे दिशा, तुम ही लिखोगे विधान, तुम ही हो भारत का गौरव, तुम ही हो भारत का स्वाभिमान. गौतम अडानी ने सारगर्भित भाषण दिया. उन्होंने छात्रों का आत्मबल बढ़ाया, लीक से हटकर चलने और काम करने की सलाह दी. वह मंगलवार को आईआईटी आईएसएम के शताब्दी समारोह के समापन मौके के मुख्य अतिथि के पद से मंच को संबोधित कर रहे थे.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
