धनबाद(DHANBAD) : "गैंग्स ऑफ़ जामताड़ा" ने तो अब हद कर दी है. अब तो विदेश के कोड पर फेक आईडी बनाकर लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे है. जानकारी निकल कर आयी है कि सिर्फ धनबाद की डीसी सुश्री माधवी मिश्रा का ही फेक व्हाट्सएप अकाउंट नहीं बनाया गया है, बल्कि हजारीबाग डीसी नैंसी सहाय और लातेहार डीसी गरिमा सिंह का भी फेक व्हाट्सएप आईडी बनाया गया है. वैसे, जानकारी मिलते ही तीनों डीसी ने लोगों को सूचित करते हुए सावधान कर दिया है. साथ ही उनके नाम से व्हाट्सएप से भेजे गए किसी भी मैसेज को नहीं खोलने या जवाब नहीं देने की अपील की गई है. इसके बाद तो पुलिस विभाग का साइबर सेल एक्टिव हो गया है.
झारखंड की साइबर पुलिस हो गई है सक्रिय
यह पता लगाया जा रहा है कि किन-किन लोगों को इन तीनों डीसी के नाम फेक आईडी पर व्हाट्सएप मैसेज भेजा गया है. साथ ही यह सब मोबाइल नंबर किन के नाम से जारी किए गए है. यह भी पता चला है कि श्रीलंका के कोड से फेक व्हाट्सएप आईडी बनाया गया है. साइबर अपराधी अब लगातार अपना तरीका बदल रहे है. अधिकारियों तक को टारगेट कर रहे है. धनबाद से सटे जामताड़ा से निकले यह साइबर अपराधी अब तो देश-विदेश में फैल गए है. विदेश से भी ठगी कर रहे है.
ठगों का लोकल लिंक भी करता है काम
यहां उन लोगों ने अपना लोकल लिंक तैयार कर लिया है. वैसे पुलिस भी कार्रवाई कर रही है. "गैंग्स ऑफ़ जामताड़ा" के लोग धनबाद में लगातार ठगी का तरीका बदल रहे है. कभी पुलिस अधिकारी बन जाते हैं, कभी आयकर अधिकारी बन जाते हैं, कभी फेक व्हाट्सएप अकाउंट, फेक फेसबुक अकाउंट बनाकर लोगों को ठगी की कोशिश करते है. झारखंड के आईएएस और आईपीएस अधिकारी भी इनके निशाने पर होते है. धनबाद की उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी सुश्री माधवी मिश्रा के नाम पर तस्वीर वाली फेक व्हाट्सएप आईडी बना लिया गया था. फेक व्हाट्सएप आईडी का नंबर +94 785948722 है. इसके बाद धनबाद उपायुक्त ने अपने अधिकारियों, शुभचिंतकों व आमजनों से अपील की है कि अगर इस व्हाट्सएप नंबर या किसी भी अन्य नंबर व अन्य किसी भी अनाधिकृत सोशल मीडिया के माध्यम द्वारा आपसे संपर्क किया जाता है, तो उनके झांसे में न आए और किसी भी प्रकार की कोई भी वार्तालाप न करे. इधर, धनबाद के बरवाअड्डा के जयनगर टोला से पुलिस ने दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. दोनों रिश्ते में साला-बहनोई है.
एक चिरकुंडा का तो दूसरा बरवाअड्डा का बताया गया है
दास टोला का मंतोष रविदास और चिरकुंडा नीचे बाजार दास पाड़ा का रोहित उनके नाम बताए गए है. उनके पास से 6 मोबाइल फोन, 9 सिम कार्ड जब्त किए गए है. उनमें से पांच फोन नंबरों के खिलाफ झारखंड समेत चार राज्यों में साइबर ठगी के 15 केस दर्ज है. पुलिस के अनुसार दोनों अपराधी केवाईसी, एटीएम कार्ड बंद होने का झांसा देकर लोगों से ओटीपी की जानकारी हासिल करते थे और उनके बैंक खातों से अवैध निकासी कर लेते थे. दोनों ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि एक साल के दौरान यह लोग 50 लाख रुपए से अधिक की ठगी कर चुके है. गिरफ्तार साइबर अपराधियों ने बताया कि उनके गैंग का सरगना चिरकुंडा का है. वह भी पश्चिम बंगाल के किसी जेल में बंद है. उसके पकड़े जाने के बाद से दोनों अलग से गैंग बनाकर ठगी का काम कर रहे थे. पकड़े जाने के दौरान भी वह किसी को ठगने की कोशिश कर रहे थे. यह पुलिस की बड़ी उपलब्धि कही जा रही है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो