रामगढ़ (RAMGARH) : प्रकृति हमारी जिम्मेदारी है ऐसी बड़ी-बड़ी बातें तो हर कोई करता है, मगर इसकी सुरक्षा का ख्याल काफी कम लोगों को है. ये बात समझने में लोग देर कर रहे हैं कि हमे प्रकृति की जरूरत है प्रकृति को हमारी नहीं. इसमें कई ऐसे चीज हैं जिनके बिना हमारा जीवन नरक है. सबसे महत्वपूर्ण है पेड़-पौधे, जो हमें कई प्रकार से फाइदा पहुंचाता है. इस बात की समझ रामगढ़ की इन महिलाओं को जरूर हो गया है. पेड़ों की कटाई के विरोध में अब महिलाओं ने मोर्चा खोल दिया है. महिलाएँ फैक्ट्री के विस्तार के लिए होने वाली पेड़ों की कटाई का जमकर विरोध कर रही है. प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने जान दे देंगे लेकिन पेड़ नहीं कटने देंगे का नारा दिया है. पुलिस के पैरों पर गिरकर महिलाएं विनती कर रही हैं कि उनके पेड़ों को ना काटे, यही उनकी जिंदगी है. यही उनका रोजगार और यही उनका रहने का एकमात्र सहारा है.
विरोध में उतरी महिलाएं
इस पेड़ को काटने की एक वजह है. दरअसल, जिले के बूढ़ा खाप में आलोक स्टील इंडस्ट्रीज नाम की फैक्ट्री है. फैक्ट्री प्रबंधन अब जंगल की जमीन पर फैक्ट्री को बढ़ावा चाहती है. इसी कड़ी में वन विभाग की टीम पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में जंगल पहुंची. जहां पेड़ों की कटाई करने के लिए सबसे पहले पेड़ों की गिनती की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन गिनती होती इससे पहले ही ग्रामीण महिलाओं ने वहाँ धाबा दे दिया. जिसके बाद उन्होंने इसका विरोध जोरदार प्रदर्शन शुरू कर दिया. ग्रामीणों की माने तो इस फैक्ट्री के जहरीले धुंवा से पहले ही उनका जीना मुहाल हो गया है.
पेड़ कटने से नुकसान
स्वस्थ्य जीवन के लिए हमारे आसपास पेड़ पौधों का होना बेहद जरुरी है. लोग अपनी निजी आर्थिक लाभ के कारण हरे भरे पौधों को भी काटने से बाज नहीं आ रहे हैं, बिना इस बात की परवाह किए कि उनके जीवन पर इसका क्या असर पड़ेगा. पेड़ों की कटाई से काफी बदलाव देखा जा रहा है, अगर समय रहते पेड़ों की कटाई पर रोक नहीं लगायी गयी तो वनों के अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न हो जाएगा. वृक्षों के इस अंधाधूंध कटाई से जहां एक ओर वातावरण गर्म हो रहा है वहीं प्रदूषण के कारण लोगों को श्वास, आंख,फेफड़ा एंव अन्य बीमारियों से ग्रसित होना पड़ रहा है.