रांची (RANCHI) : झारखंड विधानसभा चुनाव दो चरणों में हो रहे हैं. वोटर्स 13 और 20 नवंबर को वोट देंगे, जबकि नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे. चुनावी महासमर में उतरने से पहले सभी पार्टियां अपने उम्मीदवारों के चयन से पहले मंथन किया. अगर बात की जाए 2019 की झारखंड विधानसभा की तो 30 नवंबर से 20 दिसंबर 2019 के बीच पांच चरणों में हुए थे. इसमें कुल 65.18 फीसदी वोटिंग हुई थी, नतीजे 23 दिसंबर 2019 को घोषित किए गए थे.
पिछली बार विधानसभा के चुनाव में हेमंत सोरेन की पार्टी झामुमो को सबसे ज्यादा 30 सीटें आईं और इसे 18.72% वोट मिले. इसके बाद भाजपा को 25 सीटें मिलीं जिसने 33.37% मत हासिल किए. वहीं अगर अन्य दलों की बात करें तो कांग्रेस के 16 (13.88% वोट), जेवीएम के तीन (5.45% वोट) और आजसू के दो (8.1% वोट) विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे. इसके अलावा दो निर्दलीय विधायक और आरजेडी, सीपीआई (एमएल) और एनसीपी के एक-एक विधायक विधानसभा पहुंचे.
राज्य में महागठबंधन की सरकार बनी
हार के बाद भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री रहे रघुवर दास ने इस्तीफा दे दिया. झामुमो के नेतृत्व में राज्य में महागठबंधन की सरकार बनी. इस सरकार में झामुमो को कांग्रेस, राजद, सीपीआई (एमएल) और एनसीपी का साथ मिला और 51 विधायकों के समर्थन के साथ गठबंधन की मजबूत सरकार बनी, झामुमो विधायक दल के नेता हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
पिछले चुनाव मे भाजपा से अलग चुनाव लड़ी थी आजसू
अगर बात करें पिछले विधानसभा की तो 2019 के चुनाव में भाजपा और आजसू का गठबंधन नहीं हो पाया था. क्योंकि आजसू 11-12 सीटें मांग रही थी, लेकिन भाजपा इतनी सीटें देने को तैयार नहीं थी. जिसके कारण भाजपा को अकेले ही चुनाव लड़ना पड़ा. मतदान के नतीजे आने के बाद भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा. भाजपा का आकलन था कि आजसू से गठबंधन नहीं होने से पार्टी को नुकसान हुआ. हालांकि भाजपा ने इस बार पिछली बार वाली गलती नहीं दोहराई है. इस बार यानी 2024 का विधानसभा चुनाव सीधे तौर पर इंडिया बनाम एनडीए है. लेकिन ये कहना भी गलत नहीं होगा कि इसमें हेमंत सोरेन की साख भी दांव पर लगी है. दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को भी ये साबित करना होगा कि कोल्हान में उनकी धमक है.
जानें 2024 में इंडिया गठबंधन के बीच सीट शेयरिंग का फॉर्मूला
गौरतलब है कि झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग की तस्वीर लगभग साफ हो चुकी है. कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद इंडिया गठबंधन का सीट शेयरिंग फॉर्मूला जो सामने आया है, उसके तहत झारखंड में जेएमएम- 41-42, कांग्रेस- 28- 29, आरजेडी- 6-7, लेफ्ट- 3-4 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. हालांकि RJD यानी की राष्ट्रीय जनता दल ने सीट शेरिंग पर नाराजगी भी जताई है. आरजेडी ने कांग्रेस-झारखंड मुक्ति मोर्चा के 70 सीटों पर चुनाव लड़ने के ऐलान पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उसे 12 सीटों से कम मंजूर नहीं है और अगर उसे अकेले भी चुनाव लड़ना पड़ा तो इससे इंडिया गठबंधन को कई जगहों पर नुकसान होने की संभावना है, लेकिन जानकार मानते है की राजद इस तरह के कदम उठाने से बचेगा, क्योंकि लालू प्रसाद का भाजपा से जो रिश्ता रहा है उससे तेजस्वी भली भांति परिचित है.