धनबाद(DHANBAD): शिवराज सिंह चौहान और हिमंता बिस्वा सरमा झारखंड में पसीना बहाना तो शुरू कर दिए है. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से लेकर प्रदेश के नेताओं को एकजुट करने में कितना सफल हो पाते है. दोनों नेता बूथ स्तर पर नेताओं के घर जाकर उनका हौसला बढ़ा रहे है. दूसरी ओर बड़े नेताओं के घर जाकर रायशुमारी भी कर रहे है. प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में विजय संकल्प के जरिए भी कार्यकर्ताओं को जोड़ने की मुहिम झारखंड बीजेपी चला रही है. शिवराज सिंह चौहान, हिमंता विस्वा सरमा का झारखंड आना-जाना लगा हुआ है. झारखंड प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेई भी झारखंड पहुंच रहे है. इधर, शिवराज सिंह चौहान पर भी गठबंधन का हमला तेज हो गया है. कांग्रेस का कहना है कि व्यापम घोटाले के आरोपी अब झारखंड में आकर ईमानदारी की बड़ी-बड़ी बातें कर रहे है.
झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर सर गर्मी तेज
दरअसल, झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर सर गर्मी बढ़ी हुई है. यह केवल भाजपा की तरफ से ही नहीं , बल्कि इंडिया ब्लॉक भी उसी रफ्तार में तैयारी को तेज किए हुए है. भाजपा ने हेमंत सोरेन की सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है तो भाजपा के आरोपों के काट के लिए हेमंत सोरेन सरकार भी बड़े फैसले ले रही है और आगे कुछ लेने भी जा रही है. भाजपा हेमंत सरकार को देश का सबसे भ्रष्ट सरकार बता रही है. बालू, कोयला, खनिज के अवैध उत्खनन को लेकर भाजपा हमलावर है. भाजपा सरकार पर तालिबानी मानसिकता से काम करने का आरोप लगा रही है. संथाल में घुसपैठ की बात कह कर डेमोग्राफी में हो रहे बदलाव से जनजातीय समाज की अस्तित्व को खतरा बता रही है. रोजगार देने का वादा कर युवाओं को गुमराह करने के आरोप भी चस्पा करने की कोशिश कर रही है. रोजगार और बेरोजगारी भत्ते के नाम पर युवाओं को छलने की बात कह रही है. नेतृत्व बदलाव पर सोरेन परिवार को सत्ता का लोभी बता रही है. भाजपा नेतृत्व परिवर्तन से पहले और बाद में चंपई सोरेन के प्रति हमदर्दी दिखा रही है.
हेमंत सोरेन की सरकार भी ले रही फैसले
इधर, भाजपा के इन सब आरोपो से बेफिक्र होकर हेमंत सोरेन की सरकार या कहिए गठबंधन की सरकार, सितंबर तक झारखंड में राज्य के 30,000 युवाओं को रोजगार देने की घोषणा की है. 4 साल बाद ही सही, राज्य में विस्थापन आयोग गठन की घोषणा की गई है. पहली बार ट्रांसजेंडर किन्नर समुदाय को सरकारी नौकरियों में आरक्षण के साथ हर महीने 1000 पेंशन देने की घोषणा की गई है. अभी तक यह सरकार जनजातीय समाज के लिए अलग विश्वविद्यालय की बात की थी लेकिन अब दिव्यांगों के लिए भी विश्वविद्यालय की घोषणा की गई है. मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून लाने की बात कही गई है. भाजपा से नाराज चल रहे लोगों को अपने पाले में करने की पहल शुरू की गई है. हेमंत सोरेन को जेल भेजे जाने को एक साजिश बताकर आदिवासी भावनाओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश की जा रही है.
निर्वाचन आयोग की टीम के दौरे के बाद पार्टियां हो गई है रेस
इधर , भारत निर्वाचन आयोग की टीम के दौरे के बाद प्रदेश में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है. सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे को घेरने में लगे हुए है. विधानसभा चुनाव के पहले हेमंत सरकार वैसे हर मामले पर ताकत लगा रही है, जिसे उसका जनाधार बढ़ सके और सत्ता में वापसी की गारंटी मिले. दूसरी ओर विपक्षी दल भाजपा की ओर से इंडिया गठबंधन की सरकार पर भ्रष्टाचार, लचर कानून- व्यवस्था, परिवारवाद, तुष्टीकरण, डेमोग्राफी आदि का आरोप लगा रही है. इधर, संगठन के काम में भी भाजपा लगी हुई है, तो झारखंड मुक्ति मोर्चा भी पीछे नहीं है. 2024 का झारखंड में विधानसभा चुनाव रोचक होगा,इसकी पूरी संभावना है. चुनावी लड़ाई कड़ी होगी, कांटे का संघर्ष होगा. अभी से ही जमीन तैयार की जा रही है. कार्य कर्ताओं पर फोकस किया जा रहा है. देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव आते-आते और क्या-क्या प्रयोग होते हैं और अगली सरकार किसकी बनती है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो