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आखिरकार क्यों हमेशा के लिए बंद हो गई सेल की जीतपुर कोयला खदान, पढ़िए पानी रिसाव पर टाटा और सेल में क्या चल रहा था विवाद

आखिरकार क्यों हमेशा के लिए बंद हो गई सेल की जीतपुर कोयला खदान, पढ़िए पानी रिसाव पर टाटा और सेल में क्या चल रहा था विवाद

धनबाद(DHANBAD): सेल की 109 साल पुरानी जीतपुर खदान अब इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई है. 1916 में यह कोलियरी खोली गई थी. 1920 में कोयले का प्रोडक्शन शुरू हुआ. उस समय कोलियरी में लगभग 10000 मजदूर कार्यरत थे. इस कोलियरी को एशिया महादेश में सबसे आधुनिक खदान की श्रेणी में रखा गया था. लेकिन समय ने ऐसा पलटा खाया की कोलियरी को परमानेंट बंद कर दिया गया है.

कोलियरी की बंदी को लेकर नोटिस चिपका दिया गया है. हालांकि यह कोलियरी अप्रैल 2024 से ही बंद थी. लेकिन आवश्यक सेवाएं जारी थी. लेकिन अब सभी सेवाओं को बंद कर दिया गया है. कारण बताया गया है कि खदान का पानी भरने के कारण जीतपुर कोलियरी को बंद कर दिया गया है. इस कोलियरी में पानी का रिसाव लगातार हो रहा था. डीजी एमएस और सिंफर के आदेश पर सेल निदेशक ने जीतपुर कोलियरी को अप्रैल 2024 से ही मजदूरों को कोलियरी के भीतर नहीं भेजने का निर्देश दिया था. 

केवल पंपिंग के लिए 12 मजदूर खदान में जाते थे .अब वह भी नहीं जाएंगे. कोलियरी में फिलहाल सैकड़ो मजदूर कार्यरत हैं. जिनका या तो तबादला कर दिया जाएगा या फिर कोई नया रास्ता निकाला जाएगा. इस कोलियरी से स्टील ग्रेड का कीमती कोयला निकलता था. कोलियरी की बंदी का असर आसपास के बाजार पर भी निश्चित रूप से पड़ेगा. इधर ,कोलियरी की बंदी की नोटिस के बाद विवाद भी शुरू हो गया है. धरना प्रदर्शन शुरू हो गया है. मजदूरों का कहना है कि कोलियरी में कोयला उत्पादन के लिए कंपनी ने राकेश इंटरप्राइजेज को ठेका दिया था. पिछले साल समय पर उत्पादन पूरा नहीं करने पर कंपनी ने ठेकेदार पर लगभग 8 करोड रुपए का पेनल्टी लगाया था. अब कोलियरी प्रबंधन एक साजिश के तहत ठेकेदार को लाभ पहुंचाने एवं पेनल्टी से बचाने के लिए मामूली जल रिसाव का बहाना बनाकर खदान को बंद किया गया है.

जांच की उठी मांग

अब इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग भी उठ गई है. यह अलग बात है की सेल की यह महत्वपूर्ण कोलियरी थी. इस कोलियरी का इतिहास भी बहुत समृद्ध था. लेकिन अब यह इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई है.सवाल उठता है कि क्या टाटा स्टील और सेल के बीच खींचतान की वजह से जीत पुर कोलियरी को हमेशा हमेशा के लिए बंद कर दिया गया है. सूत्र बताते हैं कि टाटा स्टील के जामाडोबा 6, 7 पिट्स एवं दो पिट्स से कोलियरी में पानी भरने के कारण पहले ही खदान को बंद किया गया था. इसके बाद इस पानी का रिसाव जीतपुर कोलियरी में हो रहा था. इधर, टाटा स्टील के सूत्रों का कहना है कि 3 वर्ष से ही टाटा कोलियरी बंद है. 

टाटा की कोलियरी में अन्य कोलियरी से पानी आता है. पहले टाटा स्टील पंपिंग करती थी. अब नहीं की जा सकती. कंपनी ने डीजी एमएस के जरिए सेल के साथ कई बैठक में कह दिया था कि सेल अपनी पंपिंग क्षमता को बढ़ाएं .टाटा स्टील भी सहयोग करेगी, जो नहीं हुआ. संभवत इस वजह से खदान में पानी भरने लगा और अंततः सेल की ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण कोलियरी बंद हो गई. जो भी हो लेकिन कोयलांचल की यह एक धरोहर इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई है.

रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो 

Published at:03 Jul 2025 04:24 AM (IST)
Tags:Jharkhand news Dhanbad news SAIL's Jeetpur coal mine closed Jeetpur MineJeetpur coal mineProduction of coalCoal production
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