☰
✕
  • Jharkhand
  • Bihar
  • Politics
  • Business
  • Sports
  • National
  • Crime Post
  • Life Style
  • TNP Special Stories
  • Health Post
  • Foodly Post
  • Big Stories
  • Know your Neta ji
  • Entertainment
  • Art & Culture
  • Know Your MLA
  • Lok Sabha Chunav 2024
  • Local News
  • Tour & Travel
  • TNP Photo
  • Techno Post
  • Special Stories
  • LS Election 2024
  • covid -19
  • TNP Explainer
  • Blogs
  • Trending
  • Education & Job
  • News Update
  • Special Story
  • Religion
  • YouTube
  1. Home
  2. /
  3. News Update

इतिहास के पन्नों में क्यों दर्ज हुई धनबाद -हावड़ा के बीच चलने वाली देश की पहली डबल डेक्कर ट्रेन, पढ़िए डिटेल्स

इतिहास के पन्नों में क्यों दर्ज हुई धनबाद -हावड़ा के बीच चलने वाली देश की पहली डबल डेक्कर ट्रेन, पढ़िए डिटेल्स

धनबाद(DHANBAD): इतिहास के पन्नो में दर्ज जो गई है धनबाद से हावड़ा के बीच शुरू हुई डबल डेक्कर ट्रेन ,यह देश की पहली  डबल डेक्कर ट्रेन थी, धनबाद भी अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहा था तो बंगाल भी खुश था. इधर ,गंगा दामोदर के रैक  को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े होने लगे है.  मंडल संसदीय समिति की बैठक में सांसद पीएन  सिंह ने कहा था  कि उन्हें कई स्रोतों से जानकारी मिली है, कि  गंगा दामोदर के रैक को पटना से दुमका चलाने की योजना तैयार की गई है.  इससे  धनबाद आने वाला रैक  काफी देर से पहुंचेगी, धनबाद के लोगों की परेशानी बढ़ सकती है.  उन्होंने गंगा दामोदर ट्रेन की टाइमिंग और रैक  में कोई बदलाव नहीं करने का  की बात कही थी. यह अलग बात है कि आखिरकार इसपर अंतिम निर्णय क्या होता है ,यह तो आगे पता चलेगा.

आंदोलन का परिणाम है गंगा दामोदर एक्सप्रेस 
 
गंगा दामोदर एक्सप्रेस धनबाद के आंदोलन की उपज है. उस आंदोलन के सांसद पीएन  सिंह गवाह  भी हैं और हिस्सेदारी भी. इसलिए उस वक्त इस ट्रेन की कितनी जरूरत थी, इसका उन्हें एहसास है. यह चर्चा भी तेज होने लगी है की गंगा दामोदर के रैक  में बदलाव सही कदम नहीं होगा और इससे लोगों को परेशानी हो सकती है. वैसे भी धनबाद को "मिनी बिहार" कहा जाता है. यहां से बिहार जाने वालों की संख्या अधिक होती है.  गंगा दामोदर की टाइमिंग बहुत सुविधाजनक है. लोग रात में यहां चढ़ते हैं और सुबह पटना उतर जाते है. जिनको दिन भर का  काम है, काम कर  वह रात को ही वापस लौटकर फिर सुबह धनबाद पहुंच जाते है. वैसे तो धनबाद को कोई नई ट्रेन मिल नहीं रही है, जो ट्रेन है, उनमे भी  भी काट -छांट  की जा रही है. यह सब तब हो रहा है , जब धनबाद रेल मंडल लदान और आय में भारतीय रेल के सभी मंडलों में प्रथम स्थान प्राप्त करने का गौरव हासिल किया है.

इसका जीवन अधिक नहीं रहा और 2015 में बंद हो गई 
 
यह अलग बात है कि हावड़ा से धनबाद के बीच 2011 में अत्याधुनिक  डबल डेकर ट्रेन की शुरुआत हुई थी.  यह  ट्रेन हावड़ा से धनबाद के लिए चल रही थी. फिर धनबाद से हावड़ा जा रही थी.  लेकिन इसका जीवन अधिक दिनों का नहीं रहा.  मार्च 2015 में यह  ट्रेन बंद कर दी गई.  कारण बताया गया कि 15 से 20% ही यात्री इस ट्रेन में सवार  होते हैं और इस कारण इस ट्रेन को चलाना नुकसान देह साबित हो रहा है.  इस ट्रेन के लिए धनबाद से हावड़ा के बीच 20 स्टेशनों के ओवर हेड  वायर को ऊंचा किया गया था.  स्टेशनों में कुछ बदलाव किया गया था.  देश का यह पहला डबल डेकर ट्रेन थी. लेकिन 2015 में यह  बंद हो गई. उस समय रेलवे का कहना था कि किसी भी ट्रेन को चलाने के लिए 40 से 50% यात्रियों की जरूरत होती है. लेकिन इतने यात्री नहीं मिल रहे है.  इस वजह से ट्रेन को चलाना नुकसान का सौदा साबित हो रहा है.  जो भी हो इस ट्रेन  पर  चढ़ने और देखने के लिए लोग आते -जाते थे. 

डबल डेकर की टाइमिंग भी एक बड़ी समस्या थी 

ट्रेन की टाइमिंग भी एक समस्या थी.  इस वजह से भी यात्री नहीं मिल पाते होंगे. अगर टाइमिंग को सही कर डबल डेकर ट्रेन धनबाद से हावड़ा के बीच चलाई जाती तो कोई वजह नहीं थी कि यात्री नहीं मिलते. धनबाद से हावड़ा के बीच दो ट्रेनें सीधी चलती है और दोनों में भारी भीड़ होती है.  सुबह कोल्ड फील्ड एक्सप्रेस खुलती है जबकि शाम को ब्लैक डायमंड एक्सप्रेस चलती है.  कोलफील्ड एक्सप्रेस तो धनबाद के बाजार की  भी "लाइफ लाइन" है. डेली पैसेंजरों का इसमें   भीड़ होती है.  सुबह कोलकाता के लिए डेली पैसेंजर जाते हैं और शाम को फिर उसी ट्रेन से धनबाद लौटते है.  फिर दूसरे दिन बाजार में समान बांटने के बाद ऑर्डर के मुताबिक फिर कोलकाता चले जाते है.  इस काम में भी एक अच्छी आबादी लगी हुई है. 

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो 

Published at:23 Jan 2024 05:43 PM (IST)
Tags:dhanbadtrainfirst double-decker trainGanga Damodar ExpressGanga Damodar Train Timing
  • YouTube

© Copyrights 2023 CH9 Internet Media Pvt. Ltd. All rights reserved.