धनबाद(DHANBAD) | लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत पहली बार सोमवार को झारखंड आ रहे है. रांची हवाई अड्डे पर उतरने के बाद वह बोकारो पहुंचेंगे. बोकारो में चल रहे कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. आरएसएस और भाजपा का रिश्ता अभी चर्चा में है. बोकारो में संघ प्रमुख क्या कुछ कहते हैं, इस पर लोगों की नज़रें टिकी हुई है. हालांकि लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद भाजपा को आड़े हाथों लेने के बाद संघ प्रमुख उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की है. उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव में भाजपा जहां अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई थी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व को लेकर सवाल उठ रहे हैं, वही दोनों के बीच इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे है. चुनाव परिणाम के बाद गोरखपुर में संघ प्रमुख और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की मुलाकात सामान्य बात नहीं कही जा सकती है. जानकारी के अनुसार संघ प्रमुख कई दिनों से गोरखपुर में थे, लेकिन शनिवार को दोनों की मुलाकात हुई. सूत्र तो यह भी बताते हैं कि बंद कमरे में दोनों की बातचीत हुई है. इसके कई माने मतलब निकाले जा रहे है. उसके बाद संघ प्रमुख आज झारखंड पहुंच रहे है.
बोकारो के सेक्टर 3 में चल रहा है कार्यक्रम
बोकारो के सेक्टर 3 में आयोजित आरएसएस के स्वयंसेवकों के विकास वर्ग में शामिल होकर प्रबोधन देंगे. बोकारो में उत्तर पूर्व क्षेत्र के स्वयंसेवकों के लिए कार्यक्रम चल रहा है. बोकारो के कार्यक्रम में झारखंड और बिहार के लगभग 600 श्रम सेवक हिस्सा ले रहे है. संघ शिक्षा वर्ग प्रथम और कार्यकर्ता विकास वर्ग द्वितीय का कार्यक्रम चल रहा है. बोकारो में संघ प्रमुख क्या कहते हैं, इस पर सबकी नज़रें रहेंगी. अभी संघ प्रमुख के बयान चर्चे में है. मोदी सरकार 3.0 के शपथ ग्रहण समारोह के ठीक एक दिन बाद संघ प्रमुख ने मणिपुर, चुनाव राजनीति पर पॉलिटिकल पार्टियों के रवैया पर बड़ी बात कही है. उन्होंने सभी धर्म को लेकर भी बयान दिया है. कहा है कि सभी धर्म का सम्मान होना चाहिए. लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद बाहर का अलग माहौल है. नई सरकार भी बन गई है. संघ नतीजे के विश्लेषण में नहीं उलझता, लोगों ने जनादेश दिया है और सब कुछ उसी अनुसार होगा. संघ प्रमुख ने मणिपुर के मसले पर शांति बहाल नहीं होने पर चिंता व्यक्त की थी . मोहन भागवत के बयान के बाद विपक्षी दलों को मोदी सरकार पर निशाना साधने का मौका मिल गया है.
नागपुर में संघ प्रमुख ने भाजपा को दी थी नसीहत
संघ प्रमुख के इस बयान को पूरे देश में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के बयान से जोड़कर भी देखा जा रहा है. नड्डा ने कुछ दिन पहले एक इंटरव्यू में कहा था कि अब भाजपा अपने पैरों पर खड़ी हो गई है. 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा संघ से कोई मदद भी नहीं मांगी थी. पिछले दो चुनाव में संघ बहुत सक्रिय था. मणिपुर को लेकर संघ प्रमुख के बयान को कई एंगल से देखा जा रहा है. नागपुर में प्रशिक्षण की एक सभा में मोहन भागवत ने कहा था कि 10 साल पहले मणिपुर में शांति थी. ऐसा लगने लगा था की बंदूक की संस्कृति खत्म हो गई है, लेकिन राज्य में अचानक हिंसा बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि मणिपुर की स्थिति पर प्राथमिकता के साथ विचार करना होगा. चुनावी बयान बाजी से ऊपर उठकर राष्ट्र के सामने मौजूद समस्याओं पर ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने यह भी कहा था कि यह बात भी सही है कि 10 साल में बहुत कुछ हुए हैं, लेकिन अभी भी चुनौतियां खत्म नहीं हुई है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो