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जमशेदपुर को क्यों कहा जाता है खेल और खिलाड़ियों का शहर, लौहनगरी ने देश को कौन-कौन से अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी दिये हैं, पढ़िए

जमशेदपुर को क्यों कहा जाता है खेल और खिलाड़ियों का शहर, लौहनगरी ने देश को कौन-कौन से अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी दिये हैं, पढ़िए

टीएनपी डेस्क(TNP DESK):जमशेदपुर झारखंड का एक ऐसा शहर है जो काफी ज्यादा विकसित है, इसे मिनी मुंबई के नाम से भी जाना जाता है. भले रांची को राज्य की राजधानी बनाया गया हो लेकिन लौहनगरी जमशेदपुर किसी भी मायने में कम नहीं है. यहां आपको बड़े-बड़े  इमारते, शॉपिंग मॉल, पार्क स्टेडियम के साथ बड़ी-बड़ी औद्योगिक कंपनियां मिल जायेगी. जिससे लोगों को रोजगार के अवसर मिलते हैं.वहीं टाटा स्टील जमशेदपुर का केंद्रीय बिंदु है. इस कंपनी की ओर से जमशेदपुर को काफी ज्यादा विकसित किया गया है, और सजाया संवारा गया है.

खेल और खिलाड़ियों से शहर का है गहरा नाता

विश्व की सबसे बड़ी स्टील कंपनी टाटा स्टील का प्लांट यहां स्थापित है, जो सामाजिक कार्य में भी बहुत बढ़ चढ़कर हिस्सा लेती है और अपने सामाजिक दायित्व को अच्छे तरीके से निभाती हैं, भले ही शहर की पहचान टाटा स्टील की वजह से होती है, लेकिन जमशेदपुर की पहचान खेल और खिलाड़ियों से भी जुड़ी है. खेल और खिलाड़ियों से शहर का गहरा और पुराना रिश्ता है.इस शहर ने देश को कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी दिया है, जिन्होंने विश्व के पटल पर देश का नाम रोशन किया है. आज हम जमशेदपुर से खेल और खिलाड़ियों के अटूट रिश्ते पर बात करेंगे और आपको यह भी बताएंगे कि इस शहर ने देश को कौन-कौन सा बड़ा खिलाड़ी दिया है.

जेआरडी के खेल प्रेम से शहर में रखी गई थी जेआरडी कॉम्पलेक्स की नींव

आपको बताये कि जमशेदपुर से खेल और खिलाड़ियों का रिश्ता जेआरडी टाटा से जुड़ा हुआ है, जेआरडी टाटा को 1938 में टाटा समूह का चेयरमैन बनाया गया था. जैसे ही उन्होने टाटा कंपनी की बागडोर संभाली कंपनी को 14 प्रतिशत के लाभ से 95 प्रतिशत पर लेकर चले गये.ये सबसे लंबे तक टाटा कंपनी के चेयरमैन रहे.वहीं उन्होने ने अपने अंदर के खेल प्रेम को भी बखूबी जिंदा रखा, और हमेशा खेल के प्रति लोगों को प्रोत्साहित करते  रहे. जहांगीर रतन जी दादाभाई टाटा को जेआरडी टाटा के नाम से जाना जाता है. इनको खेल से काफी ज्यादा लगाव था.

इस स्टेडियम में 60 हजार लोगों के बैठने की जगह है

जेआरडी टाटा का खेल के प्रति लगाव को देखते हुए जमशेदपुर शहर के बीचो बीच साल 1991 में कंपनी की ओर से जेआरडी टाटा कॉम्पलेक्स की नींव रखी गयी.इस स्टेडियम में लगभग 20 खेलों को खेलने की व्यवस्था की गई.ये स्टेडियम सबसे ज्यादा फुटबॉल के लिए प्रसिद्ध है.वहीं इसमे तीरदांजी, बास्केट बॉल, हॉकी, टेबल टेनिस, टेनिस, कबड्डी, रिले, शूटिंग, स्वीमिंग,मार्सल आर्ट, मुक्केबाजी, योग, कराटे और बैडमिंटन के साथ और कई खेलों के लिए जगह दी गई है. इसके वजह से भी जमशेदपुर के खेल प्रेमियों को आगे बढ़ने का आसानी से मौका मिल जाता है.जिससे खेल को बढ़ावा मिलता है.

फुटबॉल के लिए प्रसिद्ध है जेआरडी कॉम्लेक्स

जेआरडी टाटा को खेल के साथ फिटनेस को भी काफी ज्यादा महत्व देते थे. यही वजह है कि अपने सीमाओं से परे जाकर भी उन्होने कई ऐसे काम किए जो खेल के क्षेत्र में जमशेदपुर को आज भी मदद करता है.आपको बताये कि जेआरडी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में क्रिकेट को छोड़कर सभी खेलों के लिए जगह दी गई है. खासकर फुटबॉल के लिए झारखंड में इससे बेहतर कोई स्टेडियम नहीं है. इसमे  देश और विदेश के कई बड़े-बड़े फुटबॉल खिलाड़ी अपना जलवा दिखा चुके हैं और आज भी यहां कई खिलाड़ी अपने भविष्य में इतिहास रचने की तैयारी कर रहे हैं.

शहर में स्थित है क्रिकेट स्टेडियम

आपको बताये कि जमशेदपुर में टाटा स्टील की ओर से उससे जेआरडी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के अलावा किनन स्टेडियम जैसे बड़े स्टेडियम का निर्माण भी किया गया है, जो पूरी तरह से क्रिकेट को समर्पित है. जहां कई अंतरराष्ट्रीय मैच हो चुके है. यहां अभ्यास के लिए रोजाना क्रिकेट प्रेमी पहुंचते है.देश में क्रिकेट को प्रोत्साहन देने के लिए साल 1939 में जमशेदपुर में किनन स्टेडियम का निर्माण कराया गया था. इसका नाम कंपनी के पूर्व जीएम जॉन किनन के नाम पर रखा गया है.आपको बताये कि इस स्टेडियम में सबसे पहला मैच 1983 में वेस्टंडीज और भारत के बीच हुआ था, वही आखिरी वनडे मैच साल 2006 में खेला गया था. इसके साथ ही कंपनी के पूर्व एमडी सुमंत मूलगावंकर के नाम से टेल्को में एक स्टेडियम का निर्माण किया गया था जिसका नाम मूलगावंकर है, इसका उपयोग खेलकुद प्रतियोगिता के लिए किया जाता है.इस तरह से शहर का रिश्ता खेल से काफी पुराना है.

शहर ने देश को दिये है कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी

वहीं इस शहर ने देश को कई अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी भी दिये है, जिन्होने विदेश जाकर देश का नाम रौशन किया है.टाटा कंपनी आज भी खेल को प्रोत्साहित करती है, और अलग अलग तरीके से खिलाड़ियों की मदद करती है.क्रिकेटर सौरव तिवारी, पर्वतारोही प्रेमलता अग्रवाल, क्रिकेटर वरुण एरोन,क्रकेटर देवव्रत कुमार,तींरदाज कोमलिका बारी आदि का नाम शामिल है.

Published at:28 Dec 2024 01:28 PM (IST)
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