रांची (TNP Desk) : झारखंड के 14 लोकसभा सीटों पर एनडीए ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. वहीं इंडिया गठबंधन में शामिल कांग्रेस ने तीन सीटों पर ही प्रत्याशियों को उतारा है जबकि चार सीटों पर घोषणा होना बांकी है. जिन सीटों पर कांग्रेस ने प्रत्याशी दिया है उनमें खूंटी, लोहरदगा और हजारीबाग शामिल है. वहीं चार सीटों रांची, धनबाद, चतरा और गोड्डा से उम्मीदवारों के नामों की घोषणा होनी है. उम्मीदवारों के घोषणा में देरी होने से कांग्रेस कई नेता असमंजस की स्थिति में आ गयी है. नेता और कार्यकर्ता चुनाव प्रचार की तैयारी भी नहीं कर पा रहे हैं. वहीं रांची और धनबाद में उम्मीदवार ढूंढ़ने में कांग्रेस के पसीने छूट रहे हैं.
क्यों फूल रहा है कांग्रेस का दम
दरअसल, रांची और और धनबाद से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए कई दावेदार है. इन दावेदारी के कारण पार्टी भी असमंजस की स्थिति में आ गई है. पार्टी को भी समझ में नहीं आ रहा है कि किसे उम्मीदवार बनाएं किसे नहीं. क्योंकि इन दोनों लोकसभा क्षेत्रों में जातीय समीकरण को देखा जा रहा है. इसी के आधार पर प्रत्याशियों के नामों का एलान होगा. धनबाद और रांची ये दोनों सीटें सामान्य है. धनबाद में बीजेपी ने पहले ही ढुल्लू महतो को मैदान में उतार दिया है, और वे चुनाव-प्रचार में भी जुट गए हैं. इससे पहले पीएन सिंह सांसद रहे. धनबाद के रण में बीजेपी के द्वारा ढुल्लू महतो को उतारने से यहां का समीकरण ही बदल गया है. वहीं सवर्ण जाति के लोग बीजेपी से नाराज भी चल रहे हैं. उनका कहना है कि भाजपा ने सवर्ण जाति के नेता को इसबार प्रत्याशी नहीं बनाया है. इसलिए कांग्रेस बहुत ही गंभीरता से विचार कर रही है. इन सबके बीच अब धनबाद में सरयू राय की भी एंट्री हो गई है. सरयू राय ने भी धनबाद लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का एलान किया है. उन्होंने कहा है कि हम रामनवमी के बाद घोषणा करेंगे. जनता की यहीं मांग है. बीते कई दिनों से सरयू राय कोयलांचल में कैंप कर रहे हैं और जनता के मन में उनके प्रति क्या है इसको भी जान रहे हैं. धनबाद के जारी सियासी संग्राम के बीच सरयू राय ने कांग्रेस से भी समर्थन की मांग की है.
रांची के दंगल में किसे मिलेगा मौका?
रांची लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो यहां भी कमोबेश धनबाद जैसी ही स्थिति है. पहले कहा जाता था कि रांची सीट से सुबोधकांत सहाय को पार्टी टिकट दे सकती है और वे रेस में भी सबसे आगे भी रहे. लेकिन इस बीच भाजपा के कद्दावर नेता व रांची लोकसभा क्षेत्र से पांच बार के सांसद रहे रामटहल चौधरी कांग्रेस में आने से यहां भी असमंजस की स्थिति हो गई. यहां भी जातीय समीकरण को देखा जा रहा है. इस क्षेत्र में कुर्मी वोटर सबसे अधिक है. पार्टी को समझ में नहीं आ रहा है यहां से किसे उम्मीदवार बनाएं. अगर सुबोधकांत सहाय की बात करें तो वे कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं. मनमोहन सिंह की सरकार में वे केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं. झारखंड अलग होने के बाद वे दो बार रांची लोकसभा क्षेत्र से सांसद भी रहे हैं. रांची से सुबोधकांत सहाय और रामटहल चौधरी दोनों ही टिकट पाने के लिए रेस में हैं. इन्हीं सबको देखते हुए कांग्रेस ने अभी तक प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है.
कांग्रेस हाइकमान जल्द करेगा एलान
हालांकि उम्मीदवारों के नाम का एलान हाइकमान करेगा. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर से लेकर तमाम सीनियर नेताओं से उनका पक्ष केंद्रीय चुनाव समिति ने ले लिया है. इन्हीं के आधार पर पार्टी अपने उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लगाएगी. लेकिन जो जानकारी मिल रही है वो ये है कि कांग्रेस शनिवार तक प्रत्याशी की घोषणा कर सकती है.