धनबाद(DHANBAD) | धनबाद में अपराध के बढ़ते ग्राफ के बिच एक बार फिर सीसीटीवी कैमरे का जिन्न बोतल से बाहर निकल गया है. आज की तारीख में सीसीटीवी कैमरे किसी भी अपराध का सुराग पाने के लिए महत्वपूर्ण हथियार बन गए है. ऐसे में जहां-जहां सरकारी स्तर पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे, वहां अब वह है अथवा नहीं ,इसकी पड़ताल करने की मांग उठने लगी है. झरिया एक बार फिर अपराधों के कारण सुर्खियां बटोर रही है. सिंह नगर में धनंजय यादव की हत्या, उसके बाद रविवार को चेन छिनतई की घटना के बाद झरिया के लोग यह सवाल कर रहे हैं कि जो सीसीटीवी कैमरे लगे थे, वह क्या हुए. सीसीटीवी कैमरे के सुराग से से पुलिस कई अपराधियों की गर्दन तक पहुंची है. बावजूद सीसीटीवी कैमरे की सुरक्षा, उनके रखरखाव पर आखिर अनदेखी क्यों?
झरिया के कई क्षेत्रों से गायब है कैमरे
झरिया के कई क्षेत्रों में जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे लेकिन आज कई जगहों से गायब है. कई जगहों पर उसे तोड़ दिया गया है. जानकारी के अनुसार झरिया के बाटा मोड़ ,4 नंबर ,कतरास मोड़ , लक्ष्मीनिया मोड़ , इंदिरा चौक सहित कई जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे. लेकिन अब गायब हो गए है. झरिया आज भी तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद व्यवसायिक शहर बनी हुई है. अपराध की घटनाएं यहां भी हो रही है. सीसीटीवी कैमरे का इंपोर्टेंस को इसी से समझा जा सकता है कि धनबाद के जज उत्तम आनंद मौत मामले का सुराग सीसीटीवी कैमरे ने ही दिया था. अब जहां भी अपराध होता है, तो पुलिस सरकारी सीसीटीवी कैमरे के बजाय निजी कैमरो की ओर रुख करती है. वहां से कोई फुटेज मिलता है तो अनुसंधान का काम शुरू करती है. धनबाद शहर में लगे सीसीटीवी कैमरों का भी हाल वही है. ऐसे में सवाल उठना बहुत ही स्वभाविक है कि सीसीटीवी कैमरे के प्रति उदासीनता क्यों??
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो